उत्तराखंड में उबाल! नैनीताल में बच्ची से दरिंदगी, सड़कों पर उतरे लोग, दुकानें बंद


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-05 04:58:02



 

उत्तराखंड के नैनीताल में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के जघन्य मामले के बाद शहर में भारी तनाव व्याप्त है। इस घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने कुमाऊं कमिश्नर कार्यालय और कोतवाली पर जोरदार प्रदर्शन किया, जिसके कारण तल्लीताल से मल्लीताल तक सभी दुकानें, होटल और रेस्तरां बंद रहे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शहर के प्रवेश बिंदुओं पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। इस मामले में 65 वर्षीय आरोपी ठेकेदार को गिरफ्तार कर पोक्सो कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। वहीं, उच्च न्यायालय ने इस स्थिति का स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस की तैनाती और अफवाह फैलाने वालों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।

नाबालिग से दुष्कर्म और जन आक्रोश

नैनीताल में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है। पीड़ित बच्ची के परिवार द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद, बुधवार से ही लोग सड़कों पर उतर आए और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने कुमाऊं कमिश्नर के कार्यालय और स्थानीय कोतवाली पर धरना दिया और नारेबाजी की।

शहर में बंद का व्यापक असर

गुरुवार को प्रदर्शन और भी तेज हो गया, जिसके चलते तल्लीताल से लेकर मल्लीताल तक शहर के सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। दुकानों, होटलों और रेस्तरां के बंद होने से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। पर्यटकों को भी इस अप्रत्याशित बंद के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

पुलिस की तैनाती और आरोपी की गिरफ्तारी

शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। शहर के सभी प्रवेश बिंदुओं पर अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 65 वर्षीय आरोपी ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया और उसे पोक्सो अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

उच्च न्यायालय का सख्त रुख

नैनीताल में उत्पन्न हुई इस गंभीर स्थिति का उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया है। उच्च न्यायालय ने तत्काल प्रभाव से शहर में पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने और सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले तत्वों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि कानून व्यवस्था हर हाल में बनी रहे और किसी भी प्रकार की हिंसा या अशांति को बर्दाश्त न किया जाए।


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