आतंकी हमले की Inside Story! NIA ने खोले राज, 20 ओवरग्राउंड वर्कर चिह्नित
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-05-04 18:58:51

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की गहन जांच में पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले की परतें खुलने लगी हैं। एजेंसी की पड़ताल में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि इस हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ पाकिस्तानी सेना की भी गहरी मिलीभगत थी। एनआईए ने कश्मीर घाटी में सक्रिय लगभग 20 ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) की पहचान की है, जिन पर हमलावर आतंकियों की मदद करने का गंभीर आरोप है। एजेंसी इन सभी संदिग्धों से गहन पूछताछ कर रही है।
ISI और लश्कर की संयुक्त साजिश
एनआईए के सूत्रों के अनुसार, जांच में यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि पहलगाम के बायसरन में हुए आतंकी हमले की साजिश लश्कर-ए-तैयबा ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर रची थी। इस नापाक कृत्य को अंजाम देने वाले दो हमलावर, जिनकी पहचान हाशमी मूसा उर्फ सुलेमान और अली भाई उर्फ तल्हा के रूप में हुई है, पाकिस्तानी नागरिक हैं। जांच से यह भी पता चला है कि ये दोनों आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के साथ लगातार संपर्क में थे और उन्हीं से निर्देश प्राप्त कर रहे थे।
ओजीडब्ल्यू नेटवर्क का खुलासा
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि हमलावर आतंकी हमले से कुछ हफ्ते पहले ही सीमा पार से घुसपैठ करके कश्मीर में दाखिल हुए थे। इस घुसपैठ में उन्हें स्थानीय ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) ने महत्वपूर्ण मदद मुहैया कराई थी। इन स्थानीय सहयोगियों ने आतंकियों को छिपने के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराए, उन्हें पूरे इलाके की खुफिया जानकारी दी और उनके आने-जाने में सहायता की। सूत्रों का कहना है कि आतंकियों ने हमले से पहले बायसरन घाटी, अरु घाटी, बेताब घाटी और एक स्थानीय मनोरंजन पार्क जैसे इलाकों की रेकी भी की थी। सुरक्षा व्यवस्था में कमी को देखते हुए हमलावरों ने बायसरन को अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए चुना।
तकनीकी जांच और पूछताछ का दायरा
एनआईए की टीम ने बायसरन घटनास्थल से 40 से अधिक कारतूस बरामद किए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है। इसके अतिरिक्त, एजेंसी ने पूरे बायसरन इलाके का 3डी नक्शा भी तैयार करवाया है और आसपास के मोबाइल टावरों से कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकालकर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई जा रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि हमले से कुछ दिन पहले इलाके में सैटेलाइट फोन की गतिविधियों में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई थी। बायसरन और उसके आसपास के क्षेत्रों में तीन सैटेलाइट फोन सक्रिय पाए गए थे, जिनमें से दो के सिग्नल का पता लगाकर उनका विश्लेषण किया गया है। एनआईए अब तक इस मामले में 2800 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है और 180 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों में ओवर ग्राउंड वर्कर, जमात-ए-इस्लामी और हुर्रियत के विभिन्न गुटों से जुड़े सदस्य शामिल हैं। एजेंसी पहलगाम के आसपास के सभी रास्तों और सार्वजनिक स्थलों के सीसीटीवी फुटेज को भी बारीकी से खंगाल रही है।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में डर
पहलगाम में हुए इस जघन्य आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में दहशत का माहौल है। उसे भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई का डर सता रहा है। इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है। इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। पाकिस्तान को आशंका है कि भारत सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक से भी अधिक खतरनाक सैन्य कार्रवाई करके पहलगाम के पीड़ितों का बदला ले सकता है।
भारत की सख्त प्रतिक्रिया
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया। इसके साथ ही एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को भी तत्काल बंद कर दिया गया। पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति पर भी रोक लगा दी गई है। भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया था।