क्या सचमुच स्वतंत्र है प्रेस? विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर बड़ा सवाल


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2025-05-04 16:28:17



 

हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। हालांकि, इस दिवस का महत्व आज भी उतना ही बना हुआ है जितना पहले था, क्योंकि दुनिया के कई हिस्सों में पत्रकार अभी भी अपनी जान जोखिम में डालकर सच्चाई को सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रेस की स्वतंत्रता किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र का एक अनिवार्य स्तंभ है। यह नागरिकों को सूचित रहने, सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने और विभिन्न विचारों को मंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब प्रेस स्वतंत्र होती है, तो वह शक्तिशाली लोगों और संस्थाओं की निगरानी करती है, भ्रष्टाचार को उजागर करती है और उन लोगों की आवाज बनती है जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी कर दी जाती है।

हालांकि, वास्तविकता यह है कि कई पत्रकारों को अपना काम करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। पिछले दो वर्षों में दुनिया भर में पत्रकारों पर हमले और उनकी हत्याओं की कई दुखद घटनाएं सामने आई हैं, जो प्रेस की स्वतंत्रता पर एक गंभीर सवाल खड़ा करती हैं।

पिछले दो वर्षों में पत्रकारों पर हमले और हत्याओं की कुछ प्रमुख घटनाएं:

अफगानिस्तान: तालिबान के कब्जे के बाद से, अफगानिस्तान में पत्रकारों के लिए स्थिति और भी खतरनाक हो गई है। कई पत्रकारों को धमकियां मिली हैं, गिरफ्तार किया गया है या उनकी हत्या कर दी गई है। महिला पत्रकारों को विशेष रूप से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और कई को अपना काम छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है।

म्यांमार: सैन्य तख्तापलट के बाद, म्यांमार में प्रेस की स्वतंत्रता पर कठोर प्रतिबंध लगाए गए हैं। कई पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्टिंग को अपराध माना जा रहा है और स्वतंत्र मीडिया लगभग पूरी तरह से समाप्त हो गई है।

यूक्रेन: रूस के आक्रमण के बाद से, यूक्रेन में काम कर रहे पत्रकारों को भारी जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। कई पत्रकार गोलाबारी और हमलों में मारे गए हैं या घायल हुए हैं। युद्ध क्षेत्र में रिपोर्टिंग करना अत्यंत खतरनाक हो गया है।

मेक्सिको: मेक्सिको पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक बना हुआ है। ड्रग कार्टेल और भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा पत्रकारों को नियमित रूप से निशाना बनाया जाता है। पिछले दो वर्षों में कई पत्रकारों की हत्याएं हुई हैं, और अधिकांश मामलों में अपराधियों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया है।

भारत: भारत में भी पत्रकारों के लिए स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। पत्रकारों को अक्सर राजनीतिक दबाव, धमकियों और हिंसा का सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे सरकार या शक्तिशाली हितों के खिलाफ रिपोर्टिंग करते हैं। महिला पत्रकारों और अल्पसंख्यक समुदायों से आने वाले पत्रकारों को विशेष रूप से निशाना बनाया जाता है।

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि दुनिया के कई हिस्सों में प्रेस की स्वतंत्रता खतरे में है। पत्रकारों को सच कहने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। सरकारों, शक्तिशाली समूहों और अन्य निहित स्वार्थों द्वारा पत्रकारों को चुप कराने के प्रयास लगातार जारी हैं।

क्या सचमुच स्वतंत्र है प्रेस?

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाना महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें यह भी ईमानदारी से स्वीकार करना होगा कि अभी भी बहुत लंबा रास्ता तय करना है। जब तक पत्रकारों को बिना किसी डर के अपना काम करने की सुरक्षा और माहौल नहीं मिलता, तब तक हम सच्ची प्रेस स्वतंत्रता का दावा नहीं कर सकते।

प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना केवल पत्रकारों की जिम्मेदारी नहीं है। यह हर नागरिक, हर सरकार और हर अंतरराष्ट्रीय संगठन की जिम्मेदारी है। हमें पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा, पत्रकारों पर हमलों की निंदा करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि अपराधियों को न्याय मिले।

हमें ऐसे कानूनों और नीतियों का समर्थन करना होगा जो प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। हमें स्वतंत्र और विविध मीडिया का समर्थन करना होगा जो नागरिकों को सूचित रहने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने में सक्षम बनाता है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि प्रेस की स्वतंत्रता एक अनमोल अधिकार है जिसे हर कीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए। जब प्रेस स्वतंत्र होती है, तो समाज मजबूत होता है, लोकतंत्र फलता-फूलता है और सच्चाई की जीत होती है। आइए, इस दिन हम सब मिलकर प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प लें।

अस्वीकरण : लेख में उल्लिखित घटनाएं और आंकड़े समाचार रिपोर्टों और मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्टों पर आधारित हैं। लेख का उद्देश्य विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के महत्व और पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालना है। इसमें व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत मत हैं और इन्हें अंतिम सत्य के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। प्रेस की स्वतंत्रता एक जटिल और गतिशील मुद्दा है, और विभिन्न देशों में इसकी स्थिति अलग-अलग हो सकती है। 

लेखक - अजय त्यागी


global news ADglobal news AD