अब खबर कानून की बड़ी साजिश का खुलासा! विधानसभा-सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2025-03-22 14:46:37

सरकारी नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। फर्जी आईएएस बनकर लोगों को नौकरी का झांसा देने वाला मास्टरमाइंड दीपक जैन उर्फ आर.के. अग्रवाल आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। जयपुर पुलिस ने उसे आगरा, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। इस ठगी का जाल इतना बड़ा था कि कई मासूम लोग इसके शिकार बने। आखिर कैसे इस गिरोह ने लोगों को धोखा दिया, पुलिस ने कैसे इस साजिश का भंडाफोड़ किया, पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
IAS अधिकारी बनकर नौकरी का झांसा
जयपुर में रहने वाले दीपक जैन ने खुद को एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बताकर कई लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। विधानसभा और सचिवालय जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में भर्ती कराने का लालच देकर इस गिरोह ने करीब 70 लाख रुपए की ठगी कर डाली। दीपक अकेला नहीं था, बल्कि उसके साथ कई और लोग भी इस अपराध में शामिल थे।
मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी
इस बड़े घोटाले के मास्टरमाइंड में से दो—सुनीत शर्मा उर्फ अभिषेक और कमल किशोर उर्फ मोंटू मीणा—को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। इन दोनों को मई 2024 में गिरफ्तार किया गया था और वे अभी न्यायिक हिरासत में हैं। लेकिन, इस गिरोह का तीसरा अहम मोहरा दीपक जैन पुलिस की पकड़ से बचा हुआ था। आखिरकार, पुलिस की विशेष टीम ने उसे उत्तर प्रदेश के आगरा से धर दबोचा।
कैसे हुई ठगी? फर्जी कॉल लेटर और नकली इंटरव्यू
इस गिरोह ने पूरी प्लानिंग के साथ नौकरी के नाम पर ठगी की। पहले वे बेरोजगार युवाओं को यह यकीन दिलाते कि उनकी सरकार में ऊंची पकड़ है और वे विधानसभा या सचिवालय में उनकी नौकरी लगवा सकते हैं। जब कोई व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता, तो वे उससे 5 से 6 लाख रुपए की मांग करते।
इसके बाद, विश्वास जीतने के लिए उम्मीदवारों को नकली इंटरव्यू तक दिलवाए जाते थे। गिरोह ने फर्जी आईएएस अधिकारी और डॉक्टर तक हायर कर लिए थे, जो उम्मीदवारों से मिलते और उन्हें सरकारी नौकरी के नाम पर ठग लेते। नौकरी पाने वालों को विधानसभा के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र भी सौंपे जाते थे।
सेवानिवृत्त फौजी भी बना शिकार
इस मामले की शिकायत जयपुर के मुरलीपुरा थाने में दर्ज कराई गई थी। एक सेवानिवृत्त सैनिक मानसिंह ने बताया कि उसका भाई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात अनिल कुमार मीणा से हुई, जिसने उसे मोंटू मीणा और सुनीत शर्मा से मिलवाया। इन जालसाजों ने सरकारी नौकरी का लालच देकर 14 युवाओं से 70 लाख रुपए ऐंठ लिए।
पुलिस की विशेष कार्रवाई और भविष्य की जांच
जयपुर पुलिस ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया। हेड कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह और कांस्टेबल मनोज कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने दीपक जैन को आगरा से गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी इस मामले में कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
सतर्क रहें, ठगी से बचें!
यह पूरा मामला उन बेरोजगार युवाओं के लिए एक बड़ा सबक है, जो सरकारी नौकरी पाने के लालच में जालसाजों के शिकार बन जाते हैं। बिना आधिकारिक प्रक्रिया के कोई भी नौकरी नहीं दी जाती, इसलिए किसी भी अनजान व्यक्ति के भरोसे पैसे देना एक बड़ी गलती साबित हो सकती है।
पुलिस की सतर्कता और सटीक जांच के कारण यह बड़ा गिरोह बेनकाब हुआ, लेकिन ऐसे मामलों से बचने के लिए लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। अगर आपको भी ऐसा कोई ऑफर मिले, तो सबसे पहले संबंधित सरकारी विभाग से उसकी पुष्टि करें और ठगों के जाल में फंसने से बचें।