बोरवेल हादसे में मासूम की मौत: रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद नहीं बची जान 


के कुमार आहूजा  2024-11-22 09:13:13



 

राजस्थान के बाड़मेर जिले में बुधवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ। गुड़ामालानी क्षेत्र के अर्जुन की ढाणी गांव में 4 वर्षीय मासूम नरेश एक खुले बोरवेल में गिर गया। छह घंटे के कठिन प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। इस घटना ने प्रशासन और ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया है।

कैसे हुआ हादसा

गांव में एक बोरवेल की मोटर शिफ्टिंग का कार्य चल रहा था। इसी दौरान नरेश, जो अपने घर के पास खेल रहा था, असावधानी से 160 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया। जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि बोरवेल में 100 फीट की गहराई पर पानी मौजूद था, जहां नरेश फंसा हुआ था। बच्चे के पिता पप्पू राम, जो पंजाब में ड्राइवर हैं, को खबर मिलते ही गांव लौटना पड़ा।

रेस्क्यू ऑपरेशन का विवरण

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन सक्रिय हुआ। वेदांता और वेदरफोर्ड जैसी निजी कंपनियों के विशेषज्ञों को बुलाया गया। बोरस्कोप तकनीक का उपयोग कर बच्चे की स्थिति का पता लगाया गया। पीवीसी पाइप, रस्सियों और ऑक्सीजन पंपिंग के जरिए प्रयास किए गए। लेकिन पानी में डूबने के कारण बच्चे को बचाया नहीं जा सका।

प्रशासन का बयान

बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि बचाव दल ने हर संभव कोशिश की, लेकिन जब बच्चे को बाहर निकाला गया, तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह चांदावत ने पुष्टि की कि मौत का कारण पानी में डूबना था। बच्चे के शव को गुड़ामालानी अस्पताल की मोर्चरी में भेजा गया।

ग्रामीणों की भूमिका और शोक

घटना के समय गांव के लोग और अधिकारी मदद में जुटे रहे। नरेश के पिता के लौटने के बाद गांव में शोक का माहौल फैल गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से खुले बोरवेल्स की समस्या को सुलझाने की मांग की।

खुले बोरवेल्स पर सवाल

यह घटना केवल बाड़मेर तक सीमित नहीं है। खुले बोरवेल्स की वजह से देशभर में इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। प्रशासन और ग्रामीणों को मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की आवश्यकता है।

नरेश की मौत ने एक बार फिर खुले बोरवेल्स की खतरनाक स्थिति पर ध्यान खींचा है। यह केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।


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