Gautam Adani पर अमेरिकी अदालत में बड़ा आरोप! 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत घोटाले में फंसा Adani Group


के कुमार आहूजा  2024-11-22 08:29:36



 

गौतम अडानी, भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल, अमेरिकी अदालत में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने निवेशकों को ठगा और एक बड़े सोलर ऊर्जा प्रोजेक्ट को लेकर छिपाए गए रिश्वतखोरी के मामले को नज़रअंदाज़ किया।

सोलर ऊर्जा परियोजना का विवाद

अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य कंपनी ने भारतीय सरकार से 12 गीगावाट सोलर पावर के लिए करार किया था, लेकिन अमेरिकी जांच एजेंसियों का कहना है कि इस समझौते को प्राप्त करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी गई। आरोप है कि अडानी और उनके सह-आरोपी, जो सागर अडानी और वीनीत जैन हैं, ने निवेशकों को यह दिखाने की कोशिश की कि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से पारदर्शी था, जबकि पीछे से रिश्वतखोरी की योजना चल रही थी।

अमेरिकी अधिकारियों का बयान

अमेरिकी न्याय विभाग ने बताया कि अडानी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी निवेशकों को धोखे में रखा और भारत सरकार से भारी ऊर्जा आपूर्ति कॉन्ट्रैक्ट्स प्राप्त करने के लिए भ्रष्टाचार का सहारा लिया। इस मामले में आरोपों की पुष्टि करते हुए न्याय विभाग के डिप्टी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर ने कहा कि इन लोगों ने अमेरिकी निवेशकों का शोषण किया।

आरोप और दोषी ठहराए गए लोग

इस मामले में गौतम अडानी के साथ उनके भतीजे सागर अडानी, जो अडानी ग्रीन एनर्जी बोर्ड के कार्यकारी निदेशक हैं, और वीनीत जैन, जो 2020 से 2023 तक कंपनी के सीईओ थे, को भी दोषी ठहराया गया है।

अडानी समूह और वैधता के आरोप

अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है और इसे "चयनात्मक गलत जानकारी" बताया है। हालांकि, अमेरिकी सुरक्षा और विनिमय आयोग (SEC) ने आरोप लगाया है कि अडानी और उनके सहयोगियों ने निवेशकों को यह गलत जानकारी दी कि कंपनी के पास एक मजबूत एंटी-ब्राईबरी नीति है और वरिष्ठ प्रबंधन ने कभी रिश्वत नहीं दी।

सोलर परियोजना की सच्चाई

अडानी समूह ने दावा किया था कि भारत के सबसे बड़े सोलर पावर खरीद समझौते के तहत यह परियोजना पूरी दुनिया में सबसे बड़ी थी। लेकिन जांचकर्ताओं का कहना है कि इस परियोजना की सफलता के लिए रिश्वत देने का रास्ता अपनाया गया था, और जब यह खुलासा हुआ तो इससे अमेरिकी निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।

वर्तमान स्थिति

अडानी समूह पर यह आरोप उस समय लगे हैं जब कंपनी पहले से ही हिन्डेनबर्ग रिसर्च द्वारा स्टॉक धोखाधड़ी और खाता धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रही थी। अडानी समूह ने इस आरोप को सिरे से नकारा था, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच को जारी रखा है​।

गौतम अडानी और उनके समूह के खिलाफ अमेरिकी अदालत में लगाए गए आरोप बड़े वित्तीय और कानूनी परिणामों की ओर इशारा करते हैं। यह मामला दुनिया भर में चर्चाओं का केंद्र बन गया है, और इससे भारतीय व्यापार जगत की पारदर्शिता और नैतिकता पर भी सवाल उठ रहे हैं।


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