शिल्पा शेट्टी पर भंगी शब्द विवाद: हाईकोर्ट ने SC/ST एक्ट का केस किया खारिज


के कुमार आहूजा  2024-11-22 08:22:50



 

राजस्थान हाईकोर्ट ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के खिलाफ दायर SC/ST एक्ट के तहत मामला खारिज कर दिया है। इस मामले में शिल्पा और सलमान खान पर 2013 के एक इंटरव्यू में "भंगी" शब्द का उपयोग कर वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप था। जानिए, इस फैसले से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी।

क्या था मामला?

2017 में अशोक पंवार नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि शिल्पा शेट्टी और सलमान खान ने एक टीवी इंटरव्यू में "भंगी" शब्द का उपयोग किया था, जिससे वाल्मीकि समुदाय की भावनाएं आहत हुईं। यह इंटरव्यू 2013 का था, लेकिन एफआईआर तीन साल बाद दर्ज की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि यह शब्द अपमानजनक था और इससे सामाजिक असंतोष फैल सकता था।

हाईकोर्ट का फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?

न्यायमूर्ति अरुण मोंगा ने पाया कि यह मामला न तो भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153ए के तहत साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने का था और न ही SC/ST एक्ट के तहत जातीय अपमान का। अदालत ने कहा कि इस केस में "दुर्भावना" या "मंशा" का कोई सबूत नहीं है, जो इन कानूनों को लागू करने के लिए आवश्यक है।

कानूनी प्रक्रियाओं की अनदेखी

हाईकोर्ट ने यह भी पाया कि शिकायत दर्ज करते समय आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। एफआईआर के लिए धारा 196 Cr.P.C. के तहत राज्य सरकार की अनुमति जरूरी थी, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया।

'भंगी' शब्द का कानूनी और सामाजिक परिप्रेक्ष्य

अदालत ने कहा कि "भंगी" शब्द का उपयोग संदर्भ के आधार पर अलग-अलग अर्थ रख सकता है। यह केवल अपमानजनक नहीं, बल्कि कई सांस्कृतिक और भाषाई संदर्भों में इस्तेमाल होता है। अदालत ने यह भी माना कि सार्वजनिक हस्तियां अक्सर अनौपचारिक बातचीत में कुछ शब्दों का उपयोग करती हैं, जिन्हें संदर्भ से बाहर समझा जा सकता है।

मामला खारिज करने के कारण

अदालत ने यह निर्णय लिया कि:

♦ एफआईआर में उल्लिखित आरोप कानून के तहत आपराधिक मामले के लिए आवश्यक शर्तें पूरी नहीं करते।

♦ आरोपियों की मंशा अपमानजनक नहीं थी।

♦ शिकायत में देरी की कोई ठोस वजह नहीं दी गई।

♦ इस बयान से समाज में कोई वास्तविक नुकसान या अशांति नहीं हुई।

अदालत का संदेश

अदालत ने कहा कि इस तरह के मामलों में गंभीरता से जांच करना जरूरी है ताकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सार्वजनिक हस्तियों की गरिमा का सम्मान हो सके।


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