राजस्थान हाई कोर्ट: 20 साल पुरानी भूमि बिक्री वैध, सरकारी अनुमति विवाद खारिज
राजस्थान हाई कोर्ट: 20 साल पुरानी भूमि बिक्री वैध, सरकारी अनुमति विवाद खारिज 2024-11-21 22:14:37
राजस्थान हाई कोर्ट की जोधपुर पीठ ने 20 साल पहले हुई भूमि बिक्री को वैध ठहराते हुए, इसे शून्य घोषित करने वाले उपखंड अधिकारी (SDO) के आदेश को खारिज कर दिया। यह मामला राजस्थान कॉलोनाइजेशन अधिनियम, 1954 की धारा 13(1) के तहत बिना राज्य सरकार की अनुमति के भूमि बिक्री से जुड़ा था। कोर्ट ने इस विवाद को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि 1991 में यह अधिनियम अप्रभावी हो गया था।
मामले की पृष्ठभूमि
1986 में खरीदारों ने जमीन खरीदने का समझौता किया और 1999 में कोर्ट से डिक्री प्राप्त की। 2003 में बिक्री दस्तावेज़ पंजीकृत हुए और भूमि खरीदारों के नाम पर दर्ज की गई। हालांकि, मूल मालिक के बेटे ने शिकायत दर्ज कराई कि बिक्री के लिए सरकारी अनुमति नहीं ली गई थी। इसके बाद SDO ने भूमि बिक्री को अवैध घोषित कर दिया।
कोर्ट ने दी खरीदारों को राहत
न्यायमूर्ति दिनेश मेहता की पीठ ने कहा कि चूंकि अधिनियम 1991 में अप्रभावी हो चुका था, 2003 में बिक्री के लिए सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अधिनियम लागू भी होता, तो मामूली चूक पर 20 साल पुरानी बिक्री को रद्द करना अनुचित है।
कानूनी तर्क और धारा 13-A का हवाला
कोर्ट ने धारा 13-A का उल्लेख किया, जो ऐसे मामलों में नियम उल्लंघन के बावजूद भूमि हस्तांतरण को शुल्क चुकाकर वैध मानने की अनुमति देती है। कोर्ट ने माना कि इस मामले में किसी बड़ी अनियमितता का प्रमाण नहीं है।
कोर्ट ने SDO के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि तकनीकी कारणों से संपत्ति के अधिकारों को खत्म करना सही नहीं है। इस प्रकार, 20 साल पुरानी भूमि बिक्री को वैध करार दिया गया।