पंजाब में पराली जलाने के 1000 से अधिक मामले, सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को लगाई फटकार


के कुमार आहूजा  2024-11-21 18:52:39



 

उत्तर भारत में वायु गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है, जिसका मुख्य कारण पराली जलाने की घटनाएं मानी जा रही हैं। पिछले दिनों पंजाब में एक ही दिन में करीब 1,000 खेतों में आग लगाने के मामले दर्ज हुए, जिससे दिल्ली-NCR में जहरीली हवा का स्तर खतरनाक हद तक बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चिंता जताते हुए दिल्ली सरकार की धीमी प्रतिक्रिया पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और प्रदूषण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में भारी वृद्धि

पंजाब में पिछले कुछ हफ्तों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। नासा के उपग्रह डेटा के अनुसार, पिछले दिनों दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे के बीच पराली जलाने की घटनाओं में अचानक उछाल आया। नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक हीरेन जेतवा ने बताया कि किसानों द्वारा अब शाम के बाद पराली जलाने का चलन बढ़ा है। ऐसा माना जा रहा है कि उपग्रहों की निगरानी से बचने के लिए ऐसा किया जा रहा है, जिससे प्रदूषण के स्तर में और इजाफा हो रहा है। दक्षिण कोरिया के भूस्थिर उपग्रह डेटा में भी देर शाम की आग की घटनाओं में वृद्धि की पुष्टि हुई है।

पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड का दावा

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. आदर्शपाल विग का कहना है कि पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्षों की तुलना में कमी आई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में, पराली जलाने की घटनाओं में 70% की कमी आई है। उन्होंने मौसम संबंधी बदलावों को भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए जिम्मेदार ठहराया, साथ ही यह भी कहा कि सर्दियों में हवा भारी हो जाती है जिससे प्रदूषण जमीन के पास रुक जाता है।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी और निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई। कोर्ट ने दक्षिण कोरिया के भूस्थिर उपग्रह डेटा का संदर्भ लेते हुए पराली जलाने की घटनाओं की 24/7 निगरानी करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार होते ही तुरंत तीसरे चरण के प्रदूषण नियंत्रण के उपाय लागू किए जाने चाहिए, जबकि AQI 450 के पार जाने पर चौथे चरण के कदम उठाए जाने चाहिए।

दिल्ली सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी

दिल्ली सरकार की प्रदूषण आपातकालीन स्थिति पर धीमी प्रतिक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। जस्टिस एएस ओका और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने कहा कि AQI 300 के पार होते ही तीसरे चरण के उपायों को तुरंत लागू किया जाना चाहिए।

पराली जलाने की रोकथाम की आवश्यकता

पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इससे दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें वैकल्पिक तकनीकें प्रदान करने की भी आवश्यकता है ताकि पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाई जा सके।


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