छत्तीसगढ़ में बिटकॉइन घोटाले की जांच: प्रवर्तन निदेशालय ने गौरव मेहता के ठिकानों पर मारा छापा


के कुमार आहूजा  2024-11-21 18:46:27



 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी की। ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। गौरव मेहता, एक ऑडिट फर्म के कर्मचारी हैं, और उनका नाम महाराष्ट्र में बिटकॉइन लेन-देन घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें बड़ी रकम के ठगी का आरोप है​।

महाराष्ट्र में चल रही चुनावी जांच में बिटकॉइन का संदिग्ध प्रयोग

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने दावा किया है कि एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले ने बिटकॉइन का उपयोग चुनावी फंडिंग के लिए किया है। इस मामले से जुड़ी एक रिकॉर्डिंग में दावा किया गया कि यह आवाज सुप्रिया सुले की थी। हालांकि, सुले ने इन आरोपों को नकारा किया है​।

सार्वजनिक निवेशकों से धोखाधड़ी के आरोप

ईडी ने इस मामले में गौरव मेहता और अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच शुरू की है। आरोप है कि उन्होंने लोगों से 6,600 करोड़ रुपये जुटाए थे, यह रकम बिटकॉइन के रूप में थी और उन्हें 10 प्रतिशत मासिक रिटर्न का झूठा वादा किया गया था। यह मामला पुलिस की एफआईआर से जुड़ा हुआ है जो महाराष्ट्र और दिल्ली में दर्ज की गई थी​।

ईडी का लक्ष्य: मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आरोपों की जांच

गौरव मेहता पर आरोप है कि उन्होंने बिटकॉइन के लेनदेन के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की। प्रवर्तन निदेशालय अब इस पूरे मामले की गहरी जांच कर रहा है, और यह पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि मेहता ने किस प्रकार से इन संदिग्ध लेनदेन को अंजाम दिया।

इस छापेमारी से यह संकेत मिलता है कि ईडी अब गंभीरता से बिटकॉइन घोटाले की जांच कर रहा है और आरोपियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। बिटकॉइन के इस्तेमाल से जुड़े इन मामलों का असर राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में भी देखने को मिल सकता है।


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