सुप्रीम कोर्ट ने पावर टीवी के प्रसारण पर HC के आदेश पर दी स्पष्टता, राजनीतिक हस्तक्षेप का संदेह


  2024-11-20 11:42:53



 

सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवंबर को स्पष्ट किया कि कर्नाटक हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने पावर टीवी के प्रसारण पर सिंगल जज द्वारा लगाए गए रोक आदेश को बरकरार नहीं रखा। कोर्ट ने इसे राजनीतिक हस्तक्षेप की संभावना वाला मामला बताया और इस मामले में स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए।

पावर टीवी पर अंतरिम रोक

कर्नाटक हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश ने 26 जून को पावर टीवी के प्रसारण पर अंतरिम रोक लगाई थी, जिसके बाद पावर टीवी ने अपील दायर की। केंद्र सरकार ने 9 फरवरी, 2024 को पावर टीवी को बिना वैध लाइसेंस प्रसारण के लिए शो-कॉज नोटिस जारी किया था।

डिवीजन बेंच का आदेश

डिवीजन बेंच ने 3 जुलाई, 2024 को निर्देश दिया कि पावर टीवी शो-कॉज नोटिस का जवाब दे और यदि आवश्यक हो, तो अतिरिक्त जवाब भी दायर कर सकता है। केंद्र सरकार को पावर टीवी को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर देने के लिए भी कहा गया।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: राजनीतिक हस्तक्षेप का संदेह

12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने HC के आदेशों पर रोक लगाते हुए कहा कि पावर टीवी के खिलाफ यह मामला राजनीतिक दृष्टि से प्रेरित प्रतीत होता है, विशेषकर जेडी(एस) नेताओं के सेक्स स्कैंडल से संबंधित मामलों की कवरेज को रोकने के संदर्भ में।

सुनवाई की अगली तारीख

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई मार्च 2025 के लिए निर्धारित की है। कोर्ट ने कहा कि अपील के लंबित रहने के बावजूद याचिकाकर्ता मूल याचिका में संशोधन या स्पष्टीकरण के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।


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