संस्कृति की सुरक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण जितनी सीमाओं की सुरक्षा - रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
के कुमार आहूजा 2024-11-20 07:46:36
तेलंगाना के हैदराबाद में आयोजित 'कोटी दीपोत्सवम' कार्यक्रम में सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की एकता और सांस्कृतिक सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता में एकता में है और किसी भी तरह की विभाजनकारी कोशिशें देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को कमजोर कर सकती हैं। इस प्रेरक भाषण के माध्यम से उन्होंने लोगों से एकजुट रहने का आह्वान किया और कहा कि जब भी भारत की एकता कमजोर हुई है, विदेशी आक्रांताओं ने हमारी सभ्यता पर आक्रमण किया है।
संस्कृति और सीमा सुरक्षा दोनों महत्वपूर्ण
राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि जिस तरह से हमारी सीमाओं की सुरक्षा आवश्यक है, उसी तरह से भारत की सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा भी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि एक देश मात्र उसकी सीमाओं और जनसंख्या से नहीं बनता, बल्कि उसकी सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास से बनता है। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार भारत की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए भी कृतसंकल्प है।
विभाजनकारी ताकतों से सावधान रहने की अपील
अपने भाषण में सिंह ने कहा कि कुछ लोग भारत में विभाजनकारी गतिविधियों में संलग्न होते हैं और इसे धर्म, जाति और संप्रदाय के आधार पर विभाजित करने का प्रयास करते हैं। लेकिन हमें इन ताकतों का सामना करना चाहिए और एकजुट रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम बंटने से बचेंगे तो भारत को एक मजबूत और विकसित देश बना सकते हैं। इस संबंध में सिंह ने ऐतिहासिक उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि एकता की कमजोरी के कारण कई बार हमारी सभ्यता पर हमला हुआ है।
संस्कृति और विकास का अनोखा संबंध
सिंह ने संस्कृति के महत्व को समझाते हुए कहा कि किसी भी देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर किसी देश की संस्कृति नष्ट हो जाती है, तो वह देश भी कमजोर हो जाता है। उनके अनुसार, जो लोग भारत को विभाजित करने की कोशिश कर रहे थे, उन्होंने हमारी संस्कृति को निम्नतर दिखाने का प्रयास किया। लेकिन अब लोगों में जागरूकता बढ़ रही है और भारत सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर बढ़ रहा है।
वैश्विक एकता की दिशा में भारत का संदेश
राजनाथ सिंह ने भारतीय शास्त्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि समाज की असली शक्ति उसकी एकता में है। भारत पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखता है और इसलिए वह न केवल अपने देश में बल्कि पूरे विश्व में प्रकाश फैलाना चाहता है। उन्होंने इस संदेश को वैश्विक मंच पर पहुंचाने की अपील की और कहा कि भारतीय संस्कृति की यही विशेषता हमें एक अनोखा पहचान देती है।
रक्षा मंत्री का यह संबोधन न केवल भारत की एकता के महत्व को समझाता है बल्कि हमें अपनी सांस्कृतिक पहचान के प्रति गर्व महसूस करने के लिए प्रेरित करता है। एकजुट और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत ही वास्तव में विश्वगुरु बनने की राह पर आगे बढ़ सकता है।