(अब  खबरें राजनीति से )राहुल गांधी को पुणे कोर्ट का आदेश - सावरकर मामले में 2 दिसंबर को उपस्थित हों


के कुमार आहूजा  2024-11-20 06:35:21



 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक ताजा विवाद का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उन्हें पुणे की एक अदालत ने 2 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। यह मामला हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर पर कथित विवादास्पद टिप्पणी से जुड़ा है, जिसे लेकर सावरकर के परिजन ने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया है।

क्या है मामला?

इस साल मार्च में लंदन में दिए गए एक भाषण के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया कि वीर सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की और इस पर उन्हें खुशी हुई। यह बयान सावरकर के परिजन सत्यकी सावरकर को आपत्तिजनक लगा और उन्होंने इसे सावरकर की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया। सत्यकी ने अप्रैल 2023 में पुणे अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया। सत्यकी सावरकर, वीर सावरकर के भाई के पोते हैं और वे चाहते हैं कि गांधी पर कानूनी कार्रवाई हो ताकि सावरकर की प्रतिष्ठा की रक्षा हो सके।

पुलिस जांच और अदालत का आदेश

इस मामले पर पुणे के विश्रामबाग पुलिस स्टेशन ने जांच की और अदालत को बताया कि शिकायत में किए गए आरोपों में प्रथम दृष्टया सच्चाई पाई गई है। इसके बाद 4 अक्टूबर को पुणे की एक विशेष अदालत ने राहुल गांधी को 23 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का आदेश जारी किया। लेकिन राहुल गांधी ने यह कहकर अदालत में उपस्थिति नहीं दी कि उन्हें पहले समन प्राप्त नहीं हुआ था। अदालत ने इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर समन जारी करते हुए उन्हें 2 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा है।

वकीलों के तर्क

इस केस में राहुल गांधी की तरफ से वकील मिलिंद पवार ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि कांग्रेस नेता 2 दिसंबर को कोर्ट में उपस्थित होंगे। हालांकि, इस दौरान शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर के वकील संग्राम कोल्हटकर ने पवार के कोर्ट में उपस्थिति पर आपत्ति जताई क्योंकि उनके पास कोई 'वकालतनामा' नहीं था। उन्होंने इस पर सवाल उठाया कि बिना कानूनी दस्तावेज के वकील कैसे कोर्ट में बयान दे सकते हैं।

मानहानि का कानूनी पक्ष

सत्यकी सावरकर ने राहुल गांधी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत मानहानि का आरोप लगाया है, जिसके तहत दोष सिद्ध होने पर अधिकतम दो साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इस पूरे मामले में सत्यकी का कहना है कि यह बयान पूरी तरह से असत्य है और इसका उद्देश्य वीर सावरकर के सम्मान को ठेस पहुंचाना है।

राहुल गांधी के सामने चुनौती

यह मामला राहुल गांधी के लिए एक नई चुनौती है, विशेष रूप से इसलिए भी क्योंकि पहले भी उनके खिलाफ मानहानि के आरोपों में सूरत की अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणियों के लिए उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उस सजा पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गई थी।

राहुल गांधी के लंदन के बयान पर भारत में इस मामले को लेकर कानूनी प्रक्रिया तेज हो गई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि 2 दिसंबर को उनकी उपस्थिति के बाद अदालत क्या फैसला लेती है।


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