(सीबीआई ने नेटवर्क का पर्दाफाश किया) असम में निवेशकों को धोखा देने के मामले में CBI ने फाइल की चार्जशीट, करोड़ों की ठगी का खुलासा
के कुमार आहूजा 2024-11-20 05:49:46
केंद्रिय जांच ब्यूरो (CBI) ने असम में एक निजी कंसल्टेंसी फर्म द्वारा निवेशकों से धोखाधड़ी के आरोपों पर चार्जशीट दायर की है। यह मामला असम सरकार की सिफारिश पर CBI को सौंपा गया था। इस जाँच में CBI ने धोखाधड़ी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया, जिसमें निवेशकों को असुरक्षित जमा योजनाओं के माध्यम से ठगा गया। जानें कैसे फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेकर आम जनता को करोड़ों का चूना लगाया गया और CBI किस तरह इस बड़े मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।
निवेशकों से धोखाधड़ी का आरोप
CBI द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के अनुसार, असम स्थित एक निजी कंसल्टेंसी फर्म और उसके मालिक पर आरोप है कि उन्होंने 2018 से असुरक्षित जमा योजनाओं में भारी रकम निवेश करने का झूठा लालच देकर निवेशकों से पैसे इकट्ठा किए। इन निवेशों के बदले में, निवेशकों को ₹100 के स्टाम्प पेपर पर हस्ताक्षरित दस्तावेज दिए गए थे, जोकि कथित निवेशों का प्रमाण था। हालांकि, समय के साथ निवेशकों को उनका रिटर्न मिलने में देरी हुई, और कई लोगों को तो उनका पैसा वापस ही नहीं मिला।
बिना अनुमति संचालित जमा योजनाओं का खुलासा
इस मामले में CBI ने असम में संचालित कई अनियमित जमा योजनाओं का खुलासा किया है। इन योजनाओं का संचालन बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स एक्ट, 2019 के अंतर्गत अवैध था। फर्म ने निवेशकों को भारी मुनाफे का झांसा देकर उनके पैसे जमा कराए थे, जबकि यह निवेश गैरकानूनी था और असुरक्षित जमा योजनाओं की श्रेणी में आता था। CBI ने इन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और भारतीय न्याय संहिता (BNS, 2023) के तहत चार्ज लगाया है।
पहली गिरफ़्तारी और चार्जशीट की प्रक्रिया
इस मामले में पहली गिरफ़्तारी 22 अगस्त 2023 को हुई थी, जब CBI ने कंसल्टेंसी फर्म के मालिक को हिरासत में लिया। अब आरोपी को न्यायिक हिरासत में रखा गया है और CBI ने हाल ही में इस मामले में चार्जशीट फाइल की है। इसके अलावा, मामले में अन्य आरोपियों पर भी निगरानी की जा रही है, ताकि सभी शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके।
दस्तावेजों की खोज और निवेशकों की पहचान
CBI ने अपनी जांच के दौरान उन सभी दस्तावेजों और डेटाबेस का पता लगाया है, जिनमें उन निवेशकों के विवरण शामिल थे जिन्हें ठगा गया था। असम सरकार ने राज्य में कुल 41 मामलों को CBI के हवाले किया था, जिनमें अनियमित जमा योजनाओं के माध्यम से निवेशकों से धोखाधड़ी की गई थी। इन मामलों में CBI ने बैंकिंग डेटा और वित्तीय रिकॉर्ड का गहन विश्लेषण किया, जिससे फर्जीवाड़े की पूरी योजना का खुलासा हो सका।
आगे की जांच और CBI की प्रतिबद्धता
CBI ने यह स्पष्ट किया है कि मामले की जांच अभी जारी है और वे पूरी कोशिश कर रहे हैं कि धोखाधड़ी में शामिल सभी लोगों को न्याय के सामने पेश किया जा सके। जांच एजेंसी ने निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है और भरोसा दिलाया है कि वह इस मामले को अपने अंजाम तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। CBI की इस कार्रवाई से असम और देशभर में निवेशकों को धोखाधड़ी से सुरक्षित रखने का संदेश दिया गया है।