धर दबोचा खाकी ने 31 साल बाद गिरफ्तार हुआ आतंकवादी, 1993 में पुलिस चेकपोस्ट पर ग्रेनेड हमले का था आरोपी
के कुमार आहूजा 2024-11-20 04:49:44
उत्तर प्रदेश के 1993 के कुख्यात ग्रेनेड हमले में पुलिस पर हमला करने वाले वांछित आतंकवादी नजीर अहमद वानी को आखिरकार 31 साल की लम्बी तलाश के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। वानी, जिसे मुस्तफा बानी और जावेद इकबाल के नाम से भी जाना जाता है, को जम्मू-कश्मीर के बडगाम इलाके से यूपी पुलिस और एटीएस की संयुक्त टीम ने हिरासत में लिया। यह गिरफ्तारी न सिर्फ कानून प्रवर्तन के लिए बल्कि जनता के लिए भी एक बड़ी खबर बन गई है।
1993 में पुलिस पर किया था हमला
1993 में सहारनपुर के देवबंद में एक पुलिस चेकपोस्ट पर ग्रेनेड से हमला हुआ था, जिसमें दो पुलिसकर्मी और दो नागरिक घायल हुए थे। आरोप है कि इस हमले के पीछे नजीर अहमद वानी का हाथ था, जोकि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य है।
बेल मिलने के बाद हो गया था फरार
1994 में इस मामले में गिरफ्तारी के बाद वानी को कोर्ट से जमानत मिल गई थी। लेकिन इसके तुरंत बाद वानी फरार हो गया। इसके बाद उसके खिलाफ सहारनपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया और अनुपस्थिति में चार्जशीट भी दायर कर दी गई।
31 साल बाद पुलिस के शिकंजे में आया वानी
हाल ही में, यूपी एटीएस और देवबंद पुलिस की टीम ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर वानी को बडगाम के रक हाकरमुल्ला इलाके से गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार के बाद उसे सहारनपुर ले जाया गया, जहां वह अब अदालत में पेश किया जाएगा। सहारनपुर पुलिस ने वानी की गिरफ्तारी पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया था।
राजनीति में भी उतरा वानी
वानी ने फरारी के दौरान ही राजनीति में कदम रखा और 2024 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बडगाम निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव भी लड़ा। उसकी चुनावी शपथपत्र में उसके खिलाफ बडगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज एक केस का उल्लेख किया गया था, लेकिन ग्रेनेड हमले और नकली पहचान पत्र बनाने के मामले को उसने छुपा लिया।
वानी की संपत्ति का विवरण
वानी ने शपथपत्र में अपनी और अपनी पत्नी की संपत्तियों का विवरण भी दिया था। इसके अनुसार वानी के पास ₹3.15 करोड़ की अचल संपत्ति और ₹5.5 लाख की चल संपत्ति थी। उसकी पत्नी के पास ₹1 करोड़ की संपत्ति थी और ₹6.12 लाख की चल संपत्ति थी। हालांकि, वानी ने पिछले पांच वर्षों का आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया था, जबकि उसकी पत्नी की सालाना आय ₹3,21,300 थी।
आतंकवाद के साथ राजनीतिक संबंध की जांच
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वानी के राजनीतिक गतिविधियों की जांच की जाएगी ताकि यह पता चल सके कि कहीं वह राजनीतिक कवर का फायदा उठाकर कानून से बचने की कोशिश तो नहीं कर रहा था। अधिकारियों ने यह भी कहा कि उसकी संपत्ति और आय के स्रोत की भी जांच की जाएगी।