भूसुरेश नखुआ द्वारा ध्रुव राठी के खिलाफ दायर मानहानि केस में नया मोड़ - अदालत ने 2025 की तारीख तय की
के कुमार आहूजा 2024-11-19 20:48:27
बीजेपी नेता सुरेश नखुआ ने यूट्यूबर ध्रुव राठी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसमें अदालत ने हाल ही में नया प्रमाणपत्र दाखिल करने के लिए नखुआ को समय दिया है। नखुआ की याचिका में तकनीकी खामियों को दूर करने का समय मांगा गया है। ध्रुव राठी की ओर से वकील नकुल गांधी ने दावा किया कि नखुआ बार-बार गलतियों से भरी हुई याचिका दाखिल कर रहे हैं और कोर्ट का कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं।
अदालत ने नखुआ को दिया समय, राठी ने मांगी याचिका खारिज करने की अनुमति
दिल्ली के साकेत जिला अदालत में इस मामले की सुनवाई हो रही है। 14 नवंबर को हुई सुनवाई में नखुआ के वकील ने नए प्रमाणपत्र के लिए समय मांगा, जिसमें बीएसए (भारतीय साक्ष्य अधिनियम) 2023 के तहत एक विशेषज्ञ प्रमाणपत्र की जरूरत होती है। अदालत ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई में नए प्रमाणपत्र पर बहस करने के निर्देश दिए हैं।
ध्रुव राठी का प्रतिवाद - याचिका में दोषों के कारण हो मुकदमा रद्द
ध्रुव राठी ने अदालत से अनुरोध किया है कि सुरेश नखुआ की याचिका को खारिज किया जाए, क्योंकि नखुआ की ओर से बार-बार त्रुटिपूर्ण दस्तावेज पेश किए जा रहे हैं। राठी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता सत्विक वर्मा ने तर्क दिया कि पुराने कानून के तहत दाखिल किया गया प्रमाणपत्र नए कानून के मानदंडों को पूरा नहीं करता है और इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए।
यूट्यूब वीडियो से उपजा विवाद
इस मुकदमे की जड़ एक यूट्यूब वीडियो है जो 7 जुलाई को ध्रुव राठी ने पोस्ट किया था। नखुआ ने इस वीडियो में खुद को “हिंसक और अपमानजनक ट्रोल” के रूप में प्रस्तुत किए जाने पर आपत्ति जताई थी। नखुआ का कहना है कि इस वीडियो के कारण उनकी छवि खराब हुई और उन्हें सार्वजनिक रूप से आलोचना का सामना करना पड़ा।
न्यायालय की टिप्पणी - प्रमाणपत्र पर विशेषज्ञता की जरूरत
कोर्ट ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के तहत नए प्रमाणपत्र की मांग की वैधता पर गौर करते हुए फैसला किया है कि अगर सही प्रमाणपत्र नहीं दाखिल किया जाता है तो यह मामले में एक महत्वपूर्ण खामी हो सकती है। अदालत ने कहा, "यह जानना जरूरी है कि इस विशेष सेक्शन का क्या प्रभाव है।"
अगली सुनवाई की तारीख और दोनों पक्षों की तैयारी
यह मामला अब 4 फरवरी, 2025 को फिर से सुना जाएगा, जिसमें दोनों पक्ष अपने-अपने प्रमाणपत्रों और तर्कों के साथ प्रस्तुत होंगे।