दुनिया से विदा हुईं पाथेर पांचाली की दुर्गा, उमा दासगुप्ता का 85 साल की उम्र में निधन


के कुमार आहूजा  2024-11-19 18:30:41



 

सत्यजीत रे की कालजयी फिल्म 'पाथेर पांचाली' में दुर्गा का किरदार निभाने वाली उमा दासगुप्ता का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इस खबर ने बंगाली सिनेमा के प्रशंसकों और फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ा दी है। एक ऐसा किरदार, जो अब भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है, उसकी अदाकारी को याद करते हुए, उमा दासगुप्ता के निधन से एक युग का अंत हो गया है।

फिल्म 'पाथेर पांचाली' में दुर्गा का किरदार: 

उमा दासगुप्ता ने फिल्म 'पाथेर पांचाली' (1955) में दुर्गा का किरदार निभाया था, जो भारतीय सिनेमा का एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुई। बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी और अपू त्रयी का शुभारंभ किया। फिल्म में दुर्गा की भूमिका न केवल एक मासूम लड़की की थी, बल्कि उसमें एक ऐसा दर्द और संवेदनशीलता भी थी, जो आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित है​।

उमा ने न केवल सिनेमा में अपने अभिनय से अमिट छाप छोड़ी, बल्कि उनका निजी जीवन भी काफी साधारण और शांतिपूर्ण था। 'पाथेर पांचाली' में अपने किरदार को निभाने के बाद उन्होंने बहुत कम ही फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और अधिकतर अपनी निजी जिंदगी में व्यस्त रहीं। उन्होंने अपनी भूमिका के लिए कभी भी पारिश्रमिक नहीं लिया, एक कठिन समय में जब फिल्म उद्योग में पैसों की कमी थी​।

शोक संदेश और श्रद्धांजलि: 

उनके निधन के बाद फिल्म इंडस्ट्री के कई कलाकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। अभिनेता-राजनेता चिरंजीत चक्रवर्ती, जो उसी बिल्डिंग में रहते थे जहां उमा दासगुप्ता निवास करती थीं, ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की। निर्देशक अनीक दत्ता, जिन्होंने फिल्म 'अपराजित' बनाई थी, ने भी सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, "स्क्रीन पर दुर्गा अब चुपचाप चली गई।" अभिनेता जितू कमल और अर्जुन चक्रवर्ती ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त की​।

उमा दासगुप्ता की सांस्कृतिक धरोहर: 

उमा का योगदान बंगाली सिनेमा में हमेशा याद रखा जाएगा। हालांकि उन्होंने मीडिया से दूरी बनाई और सार्वजनिक जीवन से हटकर एक साधारण जीवन जीने का विकल्प चुना, लेकिन उनकी अदाकारी और 'पाथेर पांचाली' के पात्र दुर्गा का प्रभाव अनमोल रहेगा। उन्होंने अभिनय के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दिया, और उनकी कला का मूल्य सिनेमा प्रेमियों और फिल्म इतिहासकारों द्वारा हमेशा ऊँचा रखा जाएगा​।

उमा दासगुप्ता का निधन सिनेमा की दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। 'पाथेर पांचाली' में उनका अभिनय न केवल फिल्म प्रेमियों के लिए, बल्कि भारतीय सिनेमा के लिए भी एक मील का पत्थर था। उनकी अदाकारी ने दुर्गा के किरदार को एक जीवन्त रूप दिया, जो भारतीय सिनेमा में हमेशा याद किया जाएगा।


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