51 दिवसीय गीता जयंती महोत्सव: सद्भावना का संदेश लेकर चिड़ावा तक पहुंचे भक्तजन
के कुमार आहूजा 2024-11-19 12:32:33
भिवानी के हनुमान जोहड़ी मंदिर में गीता जयंती महोत्सव का आयोजन न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि इसके माध्यम से लोगों में गीता के सिद्धांतों और पर्यावरण, स्वच्छता तथा नशामुक्ति के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। बालयोगी चरणदास महाराज की प्रेरणा से यह महोत्सव 51 दिनों तक चलेगा, जिसमें कई सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
महोत्सव की शुरुआत और उद्देश्य
हनुमान जोहड़ी मंदिर में युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा गीता जयंती के मौके पर 51 दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ किया गया है। महंत बालयोगी चरणदास महाराज ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य गीता का संदेश घर-घर पहुंचाना है। गीता में वर्णित सिद्धांत लोगों को जीवन में शांति और संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं, और इसी उद्देश्य से यह महोत्सव लोगों को धर्म और सामाजिक सरोकारों से जोड़ने का प्रयास कर रहा है।
चिड़ावा में सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सैनी का योगदान
मंदिर के भक्तजन, सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सैनी के नेतृत्व में राजस्थान के चिड़ावा पहुंचे। वहाँ आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों की मदद के लिए संचालित सरला पाठशाला में अनिता और विकास पूनिया द्वारा गीता की पुस्तकें भेंट की गईं। इस अवसर पर सैनी और उनकी टीम ने पाठशाला में बच्चों को गीता जयंती महोत्सव के महत्व और गीता के संदेश की जानकारी दी। बच्चों और पाठशाला संचालकों को पर्यावरण, स्वच्छता, और नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया गया।
नशामुक्ति और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान
बालयोगी चरणदास महाराज की प्रेरणा से यह आयोजन न केवल धार्मिक शिक्षा तक सीमित है, बल्कि इसमें सामाजिक मुद्दों को भी महत्व दिया जा रहा है। गीता के संदेश के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता अपनाने पर जोर दिया गया है। भक्तों ने नशामुक्ति के प्रति भी जागरूकता अभियान चलाते हुए शपथ दिलाई कि वे न केवल स्वयं नशे से दूर रहेंगे बल्कि समाज में भी इस संदेश को प्रसारित करेंगे।
अनिता पूनिया की अध्यक्षता में कार्यक्रम का संचालन
सरला पाठशाला की संचालिका अनिता पूनिया ने इस महोत्सव में विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम में महाबीर प्रसाद सुईवाल, प्रवीण सैनी, मीना देवी, और प्रेम देवी जैसे अन्य महत्वपूर्ण लोग भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस अवसर पर बच्चों और समाज में गीता के संदेश को फैलाने के महत्त्व पर बल दिया।
यह महोत्सव लोगों के बीच गीता के संदेश, पर्यावरण संरक्षण, और नशामुक्ति के महत्व को फैलाने में सहायक सिद्ध हो रहा है। ऐसे आयोजनों से न केवल धार्मिक जागरूकता बढ़ती है बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रयास होता है। हनुमान जोहड़ी मंदिर का यह प्रयास एक प्रेरणादायक उदाहरण है जो अन्य क्षेत्रों में भी अपनाया जा सकता है।