50 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे बिजनेसमैन केके श्रीवास्तव पर ED का शिकंजा, PMLA और FEOA के तहत केस दर्ज


के कुमार आहूजा  2024-11-19 11:22:16



 

इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने छत्तीसगढ़ के व्यवसायी केके श्रीवास्तव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला घोटाले में 50 करोड़ रुपये की जांच शुरू की है। यह कार्रवाई रायपुर पुलिस की धोखाधड़ी की जांच के बाद हुई, जिसमें श्रीवास्तव पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए 500 करोड़ रुपये के अनुबंध का झूठा वादा कर दिल्ली स्थित रावत एसोसिएट्स के निदेशक अर्जुन रावत से 15 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है।

घटनाक्रम: 

रावत ने जब निवेश की गई राशि की वापसी मांगी, तो श्रीवास्तव ने उन्हें चेक दिए जो बाद में बाउंस हो गए। इससे मजबूर होकर रावत ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच में पुलिस ने पाया कि श्रीवास्तव ने 500 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन फर्जी खातों के जरिए किया, जिन्हें उन्होंने ज़ोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियों के नाम पर बनाए थे।

शेल कंपनियों से निवेश और फरारी की सच्चाई: 

जांच में ED ने पाया कि श्रीवास्तव ने शेल कंपनियों के माध्यम से अपने धन का निवेश किया है और विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (FEMA) का उल्लंघन किया है। उन्हें फरार घोषित किया गया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए 10,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है। उनकी अग्रिम जमानत याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है।

रायपुर पुलिस का योगदान: 

रायपुर पुलिस ने इस मामले को गहराई से छानबीन कर ED और आयकर विभाग को सूचित किया, जिसके बाद ED ने PMLA और FEOA के तहत मामले को दर्ज किया। मामले के महत्व को देखते हुए इस पर जल्द ही कानूनी कार्यवाही बढ़ाई जाएगी और जांच को तेज किया जाएगा।

जांच में नए खुलासे: 

पुलिस के अनुसार, श्रीवास्तव ने फर्जी कंपनियों और खातों का उपयोग कर धोखाधड़ी की बड़ी योजना को अंजाम दिया। इस जालसाजी से जुड़े कई साक्ष्य अब ED के पास हैं, जो अदालत में पेश किए जाएंगे। इसमें श्रीवास्तव के पारिवारिक सदस्यों की भी भूमिका सामने आई है, जो फरार हैं।


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