भारत में सेमीकंडक्टर क्रांति: असम के मोरीगांव में बनेगी अत्याधुनिक चिप निर्माण इकाई
के कुमार आहूजा 2024-11-19 06:26:53
भारत में सेमीकंडक्टर क्रांति: असम के मोरीगांव में बनेगी अत्याधुनिक चिप निर्माण इकाई
भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर में बड़ा कदम रखते हुए, टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (TSAT) ने असम के मोरीगांव में 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने का कार्य शुरू किया है। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के मुताबिक, इस परियोजना के पूरा होते ही भारत की तकनीकी क्षमताओं में महत्वपूर्ण उछाल आएगा, जिससे देश वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकेगा।
उत्पादन क्षमता: प्रतिदिन 48 मिलियन चिप्स
मोरीगांव स्थित यह सेमीकंडक्टर इकाई रोजाना 48 मिलियन सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन करने में सक्षम होगी। इस इकाई में अत्याधुनिक फ्लिप चिप और इंटीग्रेटेड सिस्टम इन पैकेज (ISIP) जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इस तकनीकी उन्नति से ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहनों, टेलीकम्यूनिकेशन और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों को सीधे लाभ होगा।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
मोरीगांव सेमीकंडक्टर इकाई से न केवल तकनीकी विकास होगा, बल्कि इससे क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से 15,000 प्रत्यक्ष और 11,000-13,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे, जिससे असम और आस-पास के इलाकों में रोजगार और आय के नए अवसर उपलब्ध होंगे। यह इकाई भारत की आत्मनिर्भरता के संकल्प को पूरा करने में अहम योगदान देगी।
भारत के सेमीकंडक्टर बाजार का बढ़ता आकार
सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2023 में भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 38 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, जो 2030 तक 109 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। भारत सरकार ने इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जिससे घरेलू उत्पादन बढ़े और आयात पर निर्भरता घटे।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
भारत सरकार ने 2021 में 76,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के साथ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ‘सेमिकॉन इंडिया’ कार्यक्रम शुरू किया था। इस मिशन का उद्देश्य घरेलू सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम को मजबूत करना है, ताकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन में वैश्विक नेता बन सके। इस कार्यक्रम के तहत चार योजनाओं की शुरुआत की गई है, जिनमें सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब, कंपाउंड सेमीकंडक्टर और डिजाइन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम शामिल हैं।
अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं: राष्ट्रीय स्तर पर सेमीकंडक्टर यूनिट्स का विस्तार
मोरीगांव परियोजना के अलावा, भारत सरकार ने अन्य राज्यों में भी सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयों को स्थापित करने के लिए स्वीकृति दी है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा गुजरात के धोलेरा और सीजी पावर द्वारा गुजरात के सनंद में नई सेमीकंडक्टर इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा, मोहाली में सेमीकंडक्टर लैब की आधुनिकता और इलेक्ट्रॉनिक घटकों और सेमीकंडक्टरों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए पीएलआई और एसपीईसीएस योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।
भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का भविष्य
सेमीकंडक्टर उत्पादन के इन परियोजनाओं के साथ, भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में एक मजबूत स्थान प्राप्त करेगा। इसके अलावा, सरकारी और निजी सहयोग से सेमीकंडक्टर डिजाइन, निर्माण, परीक्षण और असेंबली का एक व्यापक इकोसिस्टम स्थापित किया जाएगा, जिससे भारत में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।