मणिपुर हिंसा के तीन अहम मामलों की जांच अब NIA के हाथों में, जानिए पूरे घटनाक्रम का सच
के कुमार आहूजा 2024-11-19 06:12:45
मणिपुर में लंबे समय से चली आ रही हिंसा ने हाल के हफ्तों में गंभीर मोड़ ले लिया है, जिसके चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीन प्रमुख मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। जानिए कैसे यह फैसला राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
तीन प्रमुख हिंसा मामलों की जिम्मेदारी NIA को सौंपी गई
मणिपुर में हालिया हिंसा की घटनाओं में हुई जान-माल की हानि और अशांति के बीच, मणिपुर पुलिस से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तीन प्रमुख मामलों की जिम्मेदारी संभाल ली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के निर्देश पर, इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए NIA को यह जांच सौंपी गई। मणिपुर के जिलों, विशेष रूप से जिरीबाम में, विभिन्न समुदायों के बीच लगातार बढ़ते हिंसक संघर्ष को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जिरीबाम में गोलीबारी और उग्रवादी हमले का मामला
इन तीन मामलों में सबसे गंभीर घटना 11 नवंबर को जिरीबाम जिले के जकुरधोर करोंग में हुई थी, जहां कुकी उग्रवादियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के बीच गोलीबारी हुई। इस मुठभेड़ में 10 कुकी उग्रवादियों की मौत हुई, और घटनास्थल से कई असलहे, बुलेटप्रूफ हेलमेट और संचार उपकरण भी बरामद किए गए। इस दौरान CRPF का एक जवान घायल हुआ, जिसे इलाज के लिए सिलचर भेजा गया।
छह लोगों का अपहरण और फिर उनकी हत्या का मामला
दूसरे मामले में, जिरीबाम के बॉरोबेकड़ा इलाके से छह लोगों का अपहरण किया गया था, जिनमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे। कुछ दिनों बाद, इन सभी के शव नदी किनारे पाए गए, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया। NIA इस मामले की भी जांच करेगी, क्योंकि इस घटना ने मणिपुर में सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था को और चुनौती दी है।
एक महिला की हत्या का मामला
तीसरे मामले में, जिरीबाम के जयरोलपोकी इलाके में 7 नवंबर को अज्ञात हमलावरों ने एक महिला, ज़ोसांगकिम, की हत्या कर उसके घर को आग के हवाले कर दिया। इस जघन्य अपराध ने लोगों को हिला कर रख दिया है, और राज्य में न्याय की मांग जोर पकड़ रही है। NIA अब इस मामले की जांच कर रही है ताकि जिम्मेदार व्यक्तियों को कानून के दायरे में लाया जा सके।
शांति स्थापना के लिए MHA के बड़े कदम
गृह मंत्रालय ने मणिपुर में शांति बहाली के लिए 2,000 अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और शांति बनाए रखने के लिए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। मंत्रालय ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और कानून-व्यवस्था में सहयोग करें।
मणिपुर में हिंसा के मामलों ने राज्य की कानून-व्यवस्था को चुनौती दी है, जिसके चलते NIA को जांच का कार्य सौंपा गया है। उम्मीद है कि NIA की सक्रिय जांच से हिंसा के पीछे की सच्चाई सामने आएगी और राज्य में स्थायी शांति स्थापना के प्रयास सफल होंगे।