मणिपुर हिंसा पर RSS का सख्त बयान: महिलाओं और बच्चों की हत्या पर जताई निंदा, सरकार से तुरंत समाधान की मांग
के कुमार आहूजा 2024-11-19 06:06:47
मणिपुर में 19 महीने से जारी जातीय संघर्ष और हाल के भीषण हमलों के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक गंभीर बयान जारी किया है। महिलाओं और बच्चों की निर्मम हत्या की घटनाओं की सख्त निंदा करते हुए आरएसएस ने केंद्र और राज्य सरकार से जल्द समाधान की अपील की है। आइए, इस हिंसा की पृष्ठभूमि और मौजूदा हालात को विस्तार से समझते हैं।
मणिपुर में बढ़ती हिंसा और आरएसएस का बयान
मणिपुर में पिछले 19 महीनों से हिंसा और जातीय संघर्ष ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। 3 मई, 2023 को शुरू हुए इस संघर्ष में खासतौर से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच तनाव है, जिसमें अब तक 230 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और करीब 60,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। आरएसएस की मणिपुर इकाई ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस स्थिति पर नाराजगी जताई और महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को "अमानवीय और कायरता भरा" बताया।
हमलों की ताजा घटनाएँ
हाल के दिनों में, राज्य के इम्फाल जिले सहित विभिन्न हिस्सों में हिंसा ने व्यापक रूप ले लिया है। 15 और 16 नवंबर को जिन छह शवों की बरामदगी हुई, उनके बारे में माना जा रहा है कि ये वे तीन महिलाएं और तीन बच्चे हैं जो 11 नवंबर को जैकुराधोर के एक राहत शिविर से कथित तौर पर कुकी आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए थे। इसके बाद से राज्य में आक्रोश और सुरक्षा बलों की तैनाती में वृद्धि देखी जा रही है।
जैकुराधोर घटना में कुकी आतंकवादियों का कथित संलिप्तता
11 नवंबर को, जैकुराधोर में हुई एक मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ हुई गोलीबारी में 10 कुकी आतंकवादी मारे गए थे। इसी दौरान, कुकी आतंकवादियों द्वारा कई लोगों का अपहरण करने की घटनाएं भी सामने आईं। इसके बाद हुई तलाशी के दौरान 75 वर्षीय मैबाम केशो सिंह और 61 वर्षीय लैशराम बरेल के शव मिले। दो अन्य लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि छह लोग लापता पाए गए।
कुकी-मैतेई संघर्ष और राजनीतिक दावों की गंभीरता
हिंसा के लगातार बढ़ते मामले और उग्रवादी हमलों के चलते स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस दौरान मणिपुर में मैतेई समुदाय के संगठनों ने कुकी उग्रवादियों पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि तीन महिलाएं और तीन बच्चों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी गई। स्थानीय संगठनों का कहना है कि सुरक्षा बलों की निष्क्रियता और स्थानीय प्रशासन की नाकामी के कारण यह संकट और गहरा गया है।
आरएसएस की सरकार से अपील
आरएसएस की मणिपुर इकाई ने बयान में कहा कि यह घटना मानवता और सह-अस्तित्व के सिद्धांतों के विरुद्ध है। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से अपील की है कि वे पूरी सच्चाई सामने लाएं और इस हिंसा का स्थायी समाधान निकालें। इसी क्रम में, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम और अन्य आदिवासी संगठनों ने भी हत्या की कड़ी निंदा की है, जिसमें उनके कई कार्यकर्ता मारे गए।
मणिपुर की स्थिति दिन प्रतिदिन और बिगड़ती जा रही है, जिसमें निर्दोष लोगों का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। आरएसएस ने राज्य सरकार को तुरंत समस्या का समाधान निकालने का आग्रह किया है। यह देखना अहम होगा कि सरकार और सुरक्षा बल इस संकट का समाधान कैसे करते हैं।