भव्य गोमती महोत्सव: कार्तिक पूर्णिमा पर संस्कृति का अद्भुत संगम
के कुमार आहूजा 2024-11-18 20:04:13
गोमती नदी के उद्गम स्थल, माधोटांडा (पीलीभीत) में कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गोमती महोत्सव का शुभारंभ किया गया। यह पांच दिवसीय महोत्सव धार्मिकता, संस्कृति, और लोक कलाओं का समागम है, जिसने क्षेत्रीय निवासियों और आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया है। इस वर्ष के महोत्सव का भव्य आगाज़ पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान और बरखेड़ा के विधायक प्रवक्तानंद की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, जिससे धार्मिक भावना और श्रद्धा का माहौल गहरा हुआ।
प्रारंभिक आयोजन और उद्घाटन
गोमती महोत्सव की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और आरती के साथ हुई। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष गुरभाग सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह, तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। महोत्सव के पहले दिन माधोटांडा के विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने आकर्षक रंगोली बनाई, जिसे दर्शकों ने सराहा। बच्चों की रंगोली ने आयोजन स्थल की शोभा बढ़ाई और इसने महोत्सव में रंगीन और सजीव माहौल बना दिया।
श्री रामलीला मंचन: वृंदावन के कलाकारों का अद्भुत प्रदर्शन
शाम को वृंदावन से आए बृज लोककला फाउंडेशन ग्रुप के कलाकारों ने रामलीला का मंचन किया। नारद मोह की लीला सहित अन्य प्रसंगों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और सांस्कृतिक उत्सव में चार चांद लगाए। देर रात तक लोग इस भव्य रामलीला मंचन का आनंद लेने के लिए एकत्रित रहे। कलाकारों की जीवंत प्रस्तुति ने मानवीय मूल्यों और धार्मिक महत्ता का संदेश दिया, जो उपस्थित लोगों के लिए अनमोल अनुभव रहा।
भीड़ और व्यवस्थाएं
महोत्सव के लिए पहले से ही सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई थीं। प्रशासन द्वारा गोमती उद्गम स्थल और आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया गया था। श्रद्धालुओं के आगमन को सुगम बनाने के लिए जगह-जगह स्टॉल्स, पार्किंग और अन्य सुविधाओं का भी आयोजन किया गया। पूरनपुर के एसडीएम आशुतोष गुप्ता और कलीनगर एसडीएम शिखा शुक्ला समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी व्यवस्थाओं की निगरानी में मौजूद रहे।
विशाल मेला और धार्मिक अनुष्ठान
शुक्रवार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशाल मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। गंगा स्नान के महत्व को देखते हुए, श्रद्धालु गोमती उद्गम स्थल के सरोवर में आचमन और पूजन करेंगे। मेले में स्थानीय व्यापारियों ने अपने स्टॉल लगाए हैं, जिससे लोगों को धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ मनोरंजन के भी अवसर मिलेंगे।
संस्कृति का संरक्षण और धार्मिक आस्था का प्रतीक
गोमती महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा, और आस्था के प्रति लोगों की गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह उत्सव लोक कलाओं और धार्मिक संस्कारों को एक मंच पर लाकर क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास है। महोत्सव में बच्चों और युवाओं की सहभागिता इस संस्कृति के भविष्य के प्रति आश्वस्त करती है।
गोमती महोत्सव ने अपने पहले ही दिन श्रद्धालुओं और दर्शकों को भावनाओं से भर दिया। यह महोत्सव हर साल लाखों लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है और स्थानीय निवासियों के लिए भी एक बड़ी पहचान बन चुका है। इस प्रकार के आयोजन हमारे समाज को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाते हैं और उनकी महत्ता को बनाए रखते हैं।