बदरीनाथ धाम के कपाट हुए बंद, उमड़ी भीड़, श्रद्धालुओं ने किए इस साल के अंतिम दर्शन


के कुमार आहूजा  2024-11-18 15:58:32



 

रविवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट सर्दियों के लिए बंद किए जाने से पहले, हजारों श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन करने पहुंचे। इस वर्ष धाम में आस्था की एक बेजोड़ लहर देखने को मिली है, जिसमें 11 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए। इसके साथ ही, इस साल पूरे चारधाम यात्रा के दौरान लगभग 38 लाख श्रद्धालुओं ने उत्तराखंड के पवित्र स्थलों का दौरा किया है।

विशेष रूप से फूलों से सजाया गया मंदिर

कपाट बंद होने से पूर्व भगवान बदरी विशाल के मंदिर को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया। श्रद्धालुओं ने इस मनमोहक दृश्य का दर्शन किया। रविवार की सुबह विशेष अनुष्ठान के साथ भगवान के गहनों और वस्त्रों को हटाया गया और उन्हें फूलों से सुसज्जित किया गया। यह आयोजन हर साल भक्तों के लिए एक खास अवसर बन जाता है, जो भगवान को अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं और उनकी दिव्य छवि के दर्शन करते हैं।

माता लक्ष्मी को किया जाएगा गर्भगृह में स्थापित

कपाट बंद करने से कुछ समय पहले, विशेष पूजा अनुष्ठानों के तहत माता लक्ष्मी को भगवान बदरी विशाल के गर्भगृह में स्थापित किया गया। शाम के 8 बजे के बाद माता लक्ष्मी को गर्भगृह में स्थान दिया गया। इस अवसर पर, भगवान उधव और कुबेर की मूर्तियों को भी गर्भगृह से बमणी के लिए प्रस्थान कराया गया। यह रिवाज हर साल निभाया जाता है, जिसमें भगवान के भक्त भगवान के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं।

अन्य धामों के कपाट भी बंद

बदरीनाथ धाम के अलावा केदारनाथ धाम के कपाट भी भाई दूज के दिन, वैदिक मंत्रोच्चार और भारतीय सेना के बैंड की धुनों के साथ बंद किए गए। गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को और हेमकुंड साहिब के कपाट 10 अक्टूबर को ही बंद किए जा चुके हैं। अब मात्र द्वितीय केदार, मध्यमहेश्वर धाम के कपाट 20 नवंबर को बंद किए जाएंगे, जिसके साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।

स्थानीय जनप्रतिनिधि का योगदान और जनता का उमड़ा प्यार

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने बताया कि इस साल यात्रा में अपार जनसमर्थन मिला। सरकार ने भी स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान कीं, जिससे भक्तों को बेहतर अनुभव मिला। स्थानीय प्रशासन और उत्तराखंड सरकार के सहयोग से यात्रा सुगम और भक्तिपूर्ण रही।

श्रद्धालुओं की भारी संख्या ने फिर से सिद्ध की आस्था

इस वर्ष चारधाम यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से उत्तराखंड की धार्मिक विरासत को फिर से एक नई ऊंचाई मिली है। भक्तों के उत्साह ने दर्शाया कि बदरीनाथ और अन्य धामों का महत्व न केवल देश बल्कि विश्व के कोने-कोने में है।


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