दिल्ली की राजनीति में हलचल: मंत्री कैलाश गहलोत का इस्तीफा, पार्टी से भी किया किनारा
2024-11-18 13:59:41
दिल्ली सरकार में अहम पद संभालने वाले मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने पद और पार्टी दोनों से इस्तीफा देकर राजनीतिक हलचल मचा दी है। उन्होंने पार्टी के सिद्धांतों पर सवाल उठाते हुए इस्तीफा दिया, जिसे लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इस्तीफे की वजह
कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल के नाम लिखे एक पत्र में पार्टी की विचारधारा और इसके प्राथमिक मुद्दों पर सवाल उठाए। गहलोत ने साफ शब्दों में कहा कि वह "शीशमहल" और "यमुना सफाई" जैसे अहम मुद्दों पर पार्टी के कमिटमेंट पर भरोसा खो चुके हैं। उनका कहना है कि पार्टी इन मुद्दों पर जनता से किए वादों को पूरा नहीं कर पा रही, जिससे उनके सिद्धांतों के प्रति आस्था कमजोर हो गई है।
गहलोत का दिल्ली सरकार में योगदान
गहलोत आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक रहे हैं, जिनके पास परिवहन, गृह, महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे। उन्होंने दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने और सार्वजनिक परिवहन में सुधार के लिए कई अहम योजनाएं शुरू कीं। 2023 में सिसोदिया के इस्तीफे के बाद उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी भी दी गई थी, और उन्होंने दिल्ली का बजट भी पेश किया था। ये सारे कार्य उन्हें दिल्ली सरकार का एक महत्वपूर्ण चेहरा बनाते हैं।
इस्तीफे का संभावित असर
गहलोत का इस्तीफा AAP के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कर रही है और नए मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उनका इस्तीफा अन्य नेताओं के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है, और इससे पार्टी की आंतरिक व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
AAP का जवाब
इस घटनाक्रम पर आम आदमी पार्टी की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व उनके इस कदम से चिंतित है। इससे पहले भी कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया है, परंतु गहलोत का इस्तीफा पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
गहलोत की राजनीतिक यात्रा
कैलाश गहलोत ने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और फिर राजनीति में कदम रखा। वे नजफगढ़ क्षेत्र से लगातार दो बार विधायक चुने गए हैं और अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोकप्रिय माने जाते हैं। उनके इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों और क्षेत्र की जनता के बीच भी निराशा की लहर है। इससे दिल्ली की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं, खासकर विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर फायदा मिल सकता है।
बहरहाल, कैलाश गहलोत का इस्तीफा न सिर्फ आम आदमी पार्टी के लिए बल्कि दिल्ली की राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। इससे पार्टी की छवि और रणनीति दोनों पर असर पड़ सकता है।