न्याय की मिसाल: जस्टिस अमरनाथ गौड़ ने रचा इतिहास, वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
के कुमार आहूजा 2024-11-18 06:12:00
न्यायिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, त्रिपुरा उच्च न्यायालय के जस्टिस अमरनाथ गौड़ ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। अपने करियर में अब तक 91,157 मामलों का निपटारा कर चुके जस्टिस गौड़ को वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है।
अद्भुत रिकॉर्ड और सम्मान
शनिवार को हैदराबाद के राजभवन में तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णुदेव वर्मा ने जस्टिस गौड़ को इस उपलब्धि के लिए वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इंटरनेशनल सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। यह सम्मान न्याय की एक मिसाल के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को और ऊंचा बनाता है।
प्रभावशाली करियर की शुरुआत
हैदराबाद के मूल निवासी जस्टिस गौड़ ने 2017 में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के संयुक्त उच्च न्यायालय में जज के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। उनकी कार्यकुशलता और न्याय प्रणाली के प्रति प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने औसतन 109 मामले प्रतिदिन सुलझाए। 2021 में त्रिपुरा उच्च न्यायालय में स्थानांतरित होने के बाद भी उन्होंने इसी गति से कार्य किया।
त्रिपुरा में नई जिम्मेदारियां और सफलताएं
नवंबर 2022 से अप्रैल 2023 तक त्रिपुरा में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में रहते हुए, जस्टिस गौड़ ने राज्य में लंबित मामलों का 60 प्रतिशत निपटारा किया, जबकि तेलंगाना में यह आंकड़ा 40 प्रतिशत था। यह उनके अद्वितीय कार्य नैतिकता का परिचायक है।
वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का बयान
वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इंटरनेशनल ने इसे न्याय प्रणाली में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा, "जस्टिस अमरनाथ गौड़ की इस उल्लेखनीय कार्यशैली ने न्याय के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है।"
सम्मान समारोह के प्रमुख अतिथि
सम्मान समारोह में वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के इंडिया कोऑर्डिनेटर बिंगी नरेंद्र गौड़ और लायन विजयलक्ष्मी भी उपस्थित थे।
जस्टिस गौड़ का यह कीर्तिमान न्यायिक प्रणाली में उनकी अतुलनीय सेवाओं और न्याय के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है, जो न्यायिक क्षेत्र में प्रेरणास्रोत साबित होगा।