बैंकों की शानदार परफॉर्मेंस: अप्रैल-सितंबर 2024 में व्यापार 11 प्रतिशत बढ़कर 236.04 लाख करोड़ रु. पंहुचा 


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-11-17 20:54:31



 

(बैंकों की शानदार परफॉर्मेंस बीकानेर की यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के सभी कर्मठ कार्यकर्ताओं को  साधुवाद  आपका बैंक ,आपका अपना बैंक, तर्ज पर कर रहे हैं कार्य क्या मैनेजर ,क्या अकाउंट्स, और क्या सिक्योरिटी, जबरदस्त परफॉर्मेंस ,यूनियन बैंक बीकानेर आपका हार्दिक स्वागत है)  क्राइम रिपोर्टर  ब्यूरो चीफ  बीकानेर फ्रंटियर के कुमार आहूजा की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट फील्ड से) 

देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) ने मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में 11% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल-सितंबर में बैंकों का कुल व्यापार 236.04 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया, जो आर्थिक मजबूती का संकेत देता है।

बैंकिंग व्यापार में जबरदस्त वृद्धि

पब्लिक सेक्टर बैंकों का ग्लोबल क्रेडिट और जमा पोर्टफोलियो क्रमशः 12.9% और 9.5% बढ़कर 102.29 लाख करोड़ रु. और 133.75 लाख करोड़ रु. पर पहुँच गया। इन आंकड़ों से जाहिर होता है कि बैंकिंग क्षेत्र में निवेश और डिपॉजिट के मामले में वृद्धि हुई है।

लाभ में वृद्धि और एनपीए में कमी

इस दौरान ऑपरेटिंग प्रॉफिट 1.50 लाख करोड़ रु. दर्ज किया गया, जो कि पिछले साल से 14.4% अधिक है। नेट प्रॉफिट में भी 25.6% की वृद्धि हुई, जो 85,520 करोड़ रु. रहा। सकल और नेट एनपीए में कमी से भी बैंकों की सेहत में सुधार दिखता है, जिससे बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी है।

डिजिटल तकनीक और साइबर सुरक्षा में उन्नति

पीएसबी ने नई तकनीकों जैसे एआई, क्लाउड और ब्लॉकचेन को अपनाया है। इससे बैंकिंग क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से ग्राहकों को बेहतर सेवाएँ देने में सहायता मिली है। इसके साथ ही साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के भी कदम उठाए गए हैं।

बैंकिंग सुधारों में सरकार का योगदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में पीएसबी में सुधार हेतु कई नीतियाँ लागू की गईं, जिनमें ईज़ (EASE) फ्रेमवर्क, IBC, NARCL की स्थापना, और पीएसबी का विलय शामिल है। इन सुधारों ने बैंकों में बेहतर प्रशासन, जिम्मेदार ऋण वितरण और वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित किया है।

वित्तीय समावेशन और भविष्य की चुनौतियाँ

वित्त मंत्री द्वारा आयोजित समीक्षा बैठकों में बैंकों के मुख्य अधिकारियों के साथ उभरती चुनौतियों पर चर्चा हुई। इन बैठकों ने वित्तीय समावेशन, तनावग्रस्त संपत्तियों के समाधान और तकनीकी अपनाने में सुधार किया है।


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