शोधकर्ताओं का चौंकाने वाला खुलासा: हल्दी में पाई गई जानलेवा सीसे की खतरनाक मात्रा


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-11-17 20:35:33



 

हाल ही में किए गए एक अध्ययन में भारत और पाकिस्तान समेत कई दक्षिण एशियाई देशों में बिकने वाली हल्दी में खतरनाक स्तर का सीसा (लेड) पाया गया है। यह शोध अमेरिका स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं और भारतीय शोध संस्थानों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसमें दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच भारत, पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका के प्रमुख शहरों से हल्दी के 356 नमूने एकत्र किए गए। विश्लेषण में 14% नमूनों में सीसे का स्तर दो माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से ज्यादा था, जो भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के मानकों से बेहद अधिक था​।

लेड क्रोमेट से प्रदूषित हल्दी की जड़ें

इस अध्ययन में पाया गया कि हल्दी की जड़ों को पीला और आकर्षक बनाने के लिए उसमें लेड क्रोमेट मिलाया जा रहा है। यह पिगमेंट अत्यधिक जहरीला होता है और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। पहले से ही इस प्रवृत्ति के चलते अमेरिका और बांग्लादेश में लेड विषाक्तता के मामले दर्ज हुए हैं, जिससे बच्चों और वयस्कों में कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हुई हैं​।

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के नियम

एफएसएसएआई के नियमानुसार, हल्दी में किसी भी तरह का बाहरी रंग या लेड क्रोमेट नहीं होना चाहिए। हालाँकि, इस नियम का पालन करने में चुनौतियाँ देखी गई हैं, खासकर अनियमित तरीके से बिकने वाले मसालों में। अध्ययन से स्पष्ट हुआ कि लखनऊ, पटना, चंडीगढ़ और गुवाहाटी से लिए गए नमूनों में भी सीसे की मात्रा मानकों से कहीं अधिक पाई गई। उदाहरण के लिए, पटना और गुवाहाटी से लिए गए नमूनों में क्रमशः 2274 और 127 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम सीसा पाया गया​।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

लेड विषाक्तता बच्चों के लिए विशेष रूप से घातक है। यह मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और कैल्शियम की तरह व्यवहार करते हुए हड्डियों में जमा हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सीसे का लगातार सेवन नर्वस सिस्टम और ब्रेन डिवेलपमेंट को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इसी कारण सीसे का कम मात्रा में सेवन भी बच्चों की बुद्धि, स्मरणशक्ति, और अन्य संज्ञानात्मक कार्यों में गिरावट का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सीसे के कारण हर साल 5.5 लाख लोगों की मृत्यु होती है​।

भारत में खाद्य सुरक्षा की निगरानी की चुनौती

यह अध्ययन खाद्य सुरक्षा में नियंत्रण और निगरानी के अभाव की ओर भी इशारा करता है। हालाँकि एफएसएसएआई के नियमों के अनुसार सभी हल्दी में शुद्धता बनाए रखने के लिए मानक बनाए गए हैं, परंतु इनके उल्लंघन पर पर्याप्त कार्रवाई के अभाव में बाजार में इस तरह के प्रदूषित उत्पाद बेचे जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की मिलावट रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा सख्त निरीक्षण की आवश्यकता है​।

Disclaimer: इस रिपोर्ट का उद्देश्य केवल सूचनात्मक है और इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्तिगत या व्यावसायिक प्रतिष्ठान को हानि पहुंचाना नहीं है।


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