बिरसा मुंडा जयंती पर राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश: आदिवासी गौरव और प्रगति को राष्ट्रीय प्राथमिकता


के कुमार आहूजा  2024-11-17 20:10:42



 

भारत में बिरसा मुंडा की जयंती को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाते हुए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आदिवासी समुदायों की भूमिका और उनके विकास को देश की प्राथमिकता बताया। राष्ट्रपति ने इस मौके पर कहा कि देश का संपूर्ण विकास तभी संभव है जब आदिवासी समुदाय भी मुख्यधारा में शामिल होकर प्रगति करें। यह अवसर देश के आदिवासी नायकों के संघर्षों को मान्यता देने का भी है, जिनमें बिरसा मुंडा प्रमुख हैं।

आदिवासी समाज की समृद्ध संस्कृति पर प्रकाश: 

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी समाज ने सदियों से भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समृद्ध किया है। उन्होंने आदिवासी परंपराओं की आत्मीयता और सद्भावना को रामायण में भगवान राम और वनवासियों के रिश्ते से जोड़ा। यह उदाहरण देकर उन्होंने समाज में आदिवासियों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाया। उनका मानना है कि आदिवासी समुदायों की अनूठी संस्कृति न केवल देश की धरोहर है, बल्कि राष्ट्रीय अस्मिता का अभिन्न हिस्सा भी है।

आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए विकास योजनाएं: 

राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के जरिए उन्हें आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे बुनियादी सुविधाएं मिल रही हैं। इसका उद्देश्य आदिवासी समुदायों का समग्र विकास करना है ताकि वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संदेश में कहा कि आदिवासियों के गौरव और उनकी समृद्ध विरासत को संजोना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है​।

महिला सशक्तिकरण को सराहा: 

राष्ट्रपति मुर्मू ने आदिवासी महिलाओं की आत्मनिर्भरता की सराहना करते हुए कहा कि विभिन्न स्वयं सहायता समूहों और सरकारी योजनाओं के जरिए अब वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। ये महिलाएं आदिवासी समाज में एक नई चेतना और आत्मगौरव का प्रतीक हैं। मुर्मू ने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने में लगी है कि योजनाओं का लाभ सभी आदिवासी समुदायों तक पहुंचे, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।

बिरसा मुंडा का योगदान: 

15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि बिरसा मुंडा न केवल एक महान आदिवासी नेता थे, बल्कि वह 'धरती आबा' के रूप में आदिवासी समाज के स्वतंत्रता और अधिकारों के प्रतीक हैं। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की। बिरसा मुंडा का संघर्ष और आदिवासी समाज के प्रति उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।

आदिवासी गौरव दिवस का आयोजन देश में आदिवासी समुदायों की महत्ता को राष्ट्रीय पहचान दिलाने और उनके सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। बिरसा मुंडा जैसे नायकों के योगदान को न केवल आदिवासी समाज में बल्कि पूरे देश में सम्मान की नजर से देखा जाना चाहिए। राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश इसी उद्देश्य को प्रतिबिंबित करता है कि समाज का हर वर्ग, विशेष रूप से आदिवासी समुदाय, देश के विकास की मुख्यधारा में शामिल हो​।


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