राजस्थान विश्वविद्यालय में रिसर्च फंड के दुरुपयोग का आरोप: एक बड़ी जांच का सामना
के कुमार आहूजा 2024-11-17 10:29:33
जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय में, वाइस चांसलर प्रो. अल्पना कटेजा की अगुवाई में चल रही नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) तैयारी के बीच होम साइंस विभाग के रिसर्च प्रोजेक्ट में लाखों रुपये के गलत इस्तेमाल का मामला उजागर हुआ। यह आरोप लगाया गया है कि मार्च 2023 में हुई कॉन्फ्रेंस के फंड का इस्तेमाल बिना अनुमति, रिसर्च कार्य के बजाय शॉल और साड़ियों पर किया गया। इसके चलते पूरे प्रोजेक्ट का बजट खतरे में है, जो दिसंबर 2024 में पूरा होना है।
ऑडिट में खुलासा: फंड के बिना बिल की रसीदें
रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) के तहत 1.83 करोड़ का प्रोजेक्ट 2021 में मिला था, लेकिन ऑडिट में खुलासा हुआ कि प्रोजेक्ट पर हुए खर्चों की पुख्ता जानकारी नहीं है और बिल नहीं लगाए गए थे। इस कार्यक्रम की आयोजक प्रो. निमाली सिंह थीं, जिनके खिलाफ जांच की सिफारिश रजिस्ट्रार द्वारा की गई थी।
विभागीय नियमों का उल्लंघन
सूत्रों के अनुसार, विभागाध्यक्ष को प्रिक्योरमेंट कमेटी का संयोजक नियुक्त किया गया था, परंतु इसके बजाय डीन विज्ञान संकाय को शामिल कर निर्णय लिए गए। विभागीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए, अन्य शिक्षकों को निर्णय प्रक्रियाओं में सम्मिलित किया गया, जिससे फंड में हेराफेरी की संभावना बढ़ी।
विवादों में घिरी आयोजिका
विवि की वीसी प्रो. अल्पना ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। प्रो. निमाली सिंह ने आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि उनकी छवि को खराब करने की कोशिश हो रही है। मामले की विस्तृत जांच के बाद ही विश्वविद्यालय प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा।