भारत लौटेंगी 1,440 दुर्लभ प्राचीन वस्तुएं, अमेरिका में हुई ऐतिहासिक घोषणा
के कुमार आहूजा 2024-11-17 08:45:56
भारत की ऐतिहासिक धरोहर से जुड़ी प्राचीन मूर्तियों और कलाकृतियों की वापसी का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिका के मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस ने बुधवार को घोषणा की कि करीब 84 करोड़ रुपये की 1,440 प्राचीन वस्तुएं भारत लौटाई जाएंगी। यह कदम उन तस्करी नेटवर्क्स पर कार्रवाई का हिस्सा है, जिनके तहत भारतीय धरोहरों को अवैध रूप से बेचा गया।
भारत को लौटाई जाएंगी 1,440 प्राचीन वस्तुएं
अमेरिका के मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी, अल्विन एल ब्रैग, जूनियर ने बुधवार को एक बयान में घोषणा की कि भारत से जुड़ी 1,440 प्राचीन कलाकृतियों को उनके देश लौटाने का निर्णय लिया गया है। इन वस्तुओं की कुल कीमत 84 करोड़ रुपये (10 मिलियन अमेरिकी डॉलर) आंकी गई है। यह निर्णय विभिन्न आपराधिक तस्करी नेटवर्क्स की जांच के तहत लिया गया है, जिनमें प्रमुख भारतीय पुरावशेष तस्कर सुभाष कपूर और दोषी करार दी गई नैंसी वीएनर भी शामिल हैं।
न्यूयॉर्क में आयोजित समारोह में हुई घोषणा
भारत को इन वस्तुओं की वापसी की घोषणा न्यूयॉर्क में एक विशेष समारोह में की गई, जिसमें भारतीय वाणिज्य दूतावास के मनीष कुल्हरी और न्यूयॉर्क कल्चरल प्रॉपर्टी, आर्ट, और एंटिक्विटीज ग्रुप की होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन ग्रुप सुपरवाइज़र एलेक्सेंड्रा डी अरमस भी शामिल थीं। इस समारोह में विभिन्न प्राचीन वस्तुओं की औपचारिक वापसी की पुष्टि की गई।
भारत की सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा पर ध्यान
अटॉर्नी ब्रैग ने इस अवसर पर कहा, “हम उन तस्करी नेटवर्क्स की जांच जारी रखेंगे जो भारतीय सांस्कृतिक धरोहरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।” इन लौटाई गई वस्तुओं में मध्य प्रदेश के एक मंदिर से लूटी गई 'स्वर्गीय नर्तकी' की रेत से बनी मूर्ति और राजस्थान के तनेसर-महादेवा गांव से ली गई हरे-ग्रे शिस्ट पर उकेरी गई 'तनेसर मातृ देवी' की मूर्ति शामिल हैं।
अटॉर्नी जनरल ब्रैग के कार्यकाल में मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एंटीक्विटीज ट्रैफिकिंग यूनिट ने 30 से अधिक देशों से 2,100 से ज्यादा प्राचीन वस्तुएं वापस पाई हैं। इनकी कुल अनुमानित कीमत 230 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 1,932 करोड़ रुपये) है। पिछले एक साल में ही 1,000 से अधिक वस्तुएं, जिनमें से 600 से ज्यादा वस्तुएं भारत से लूटी गई थीं, की वापसी के लिए तैयारी की गई है। अगले कुछ महीनों में इन्हें आधिकारिक रूप से भारत को लौटाया जाएगा।
तस्करी नेटवर्क के खिलाफ भारत और अमेरिका का संयुक्त अभियान
अमेरिका और भारत के बीच सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए मजबूत तालमेल के साथ तस्करी नेटवर्क्स के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इस वापसी का श्रेय अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन और भारतीय अधिकारियों के सहयोग को दिया जा सकता है। तस्करी नेटवर्क्स पर कड़ी नजर और सहयोग से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारतीय धरोहरों को विदेशों में नुकसान न पहुंचे और उन्हें सुरक्षित भारत वापस लाया जा सके।