निलंबित इंस्पेक्टर और सीएम का फर्जी ओएसडी: 41 लाख की लूट का सनसनीखेज मामला, जांच में जुटी पुलिस
के कुमार आहूजा 2024-11-16 18:50:49
वाराणसी के सारनाथ इलाके में एक अपार्टमेंट से 41 लाख रुपये लूट का मामला सामने आया है, जिसमें निलंबित इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता और खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताने वाले धर्मेंद्र कुमार चौबे मुख्य आरोपी हैं। इस घटना से शहर में हड़कंप मचा हुआ है और पुलिस अब इस जालसाजी की गहराई से जांच कर रही है।
लूट का तरीका और सीसीटीवी का सबूत
सारनाथ थाना क्षेत्र के पहड़िया स्थित अपार्टमेंट में रात के समय इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता और उसका साथी धर्मेंद्र चौबे पहुंचे। आरोप है कि दोनों ने फ्लैट में चल रहे जुआ में लगे व्यापारियों को पुलिस कार्रवाई की धमकी देकर मौके पर मिले 41 लाख रुपये के दो बैग लेकर फरार हो गए। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिससे मामले ने तूल पकड़ा।
पुलिस की तहरीर पर मुकदमा दर्ज
इस लूट के बाद, किसी ने शिकायत नहीं की, तो पुलिस ने खुद ही इस मामले में शिकायत दर्ज की। थानाध्यक्ष विवेक त्रिपाठी की तहरीर पर दोनों आरोपियों समेत अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट, धोखाधड़ी और जुआ अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने अपार्टमेंट के सीसीटीवी का डीवीआर भी जब्त कर लिया है, जो आरोपियों के खिलाफ अहम सबूत माना जा रहा है।
भूमिगत हुए आरोपी, पुलिस कर रही है तलाश
मुकदमा दर्ज होते ही निलंबित इंस्पेक्टर और उसके साथी ने भूमिगत हो गए। पुलिस अब उनकी तलाश में जुट गई है और इनके संभावित ठिकानों पर छानबीन जारी है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के अनुसार, इस मामले की जांच डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीणा को सौंपी गई है।
सीबीसीआईडी से जुड़े आरोपी
घटना की गंभीरता को देखते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (स्थापना) ने इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता को लखनऊ स्थित सीबीसीआईडी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है। इस आदेश के बाद उन्हें वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट से मुक्त कर दिया गया है।