जालोर में ग्रामीणों ने बचाई नवजात की जान, खेत में छोड़कर गए शिशु को श्वानों से बचाया


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-11-16 09:19:51



 

जालोर जिले के भाद्राजून थाना क्षेत्र में गुरुवार की सुबह एक दिल को छू लेने वाला दृश्य सामने आया जब वलदरा गांव के सरपंच और ग्रामीणों ने श्वानों से एक लावारिस नवजात शिशु को बचाया। खेत में रोने की आवाज सुनकर पहुंचे ग्रामीणों की सतर्कता और साहस ने उस मासूम की जान बचाई, जो अब सुरक्षित चिकित्सा देखभाल में है।

ग्रामीणों की सतर्कता से नवजात की बची जान

वलदरा गांव के पास एक खेत से सुबह करीब 11 बजे एक नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनाई दी, जिस पर गांव के सरपंच रामसिंह और अन्य ग्रामीण तुरंत वहां पहुंचे। उन्होंने देखा कि श्वान उस नवजात को घेरकर नोंच रहे थे। रामसिंह और अन्य ग्रामीणों ने त्वरित कार्रवाई कर शिशु को सुरक्षित बाहर निकाला और तत्काल भूती पीएचसी में भर्ती करवाया, जिससे उसकी जान बच गई।

भूती पीएचसी में शिशु का प्राथमिक उपचार

भूती पीएचसी के प्रभारी डॉ. विकास यादव ने बताया कि नवजात बालक का वजन लगभग ढाई किलो है और संभवतः उसका जन्म एक दिन पहले ही हुआ है। शिशु का प्रारंभिक उपचार करने के बाद उसे जालोर के एमसीएच अस्पताल में भेजा जाएगा ताकि उसकी और भी अच्छी देखभाल हो सके। डॉ. यादव ने जानकारी दी कि शिशु अब स्वस्थ है और उसे कोई गंभीर चोट नहीं आई है।

सरपंच ने जताई नाराज़गी, मानवता पर उठाए सवाल

सरपंच रामसिंह ने इस घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घिनौनी हरकतें समाज और मानवता पर कलंक हैं। उन्होंने कहा कि जिसने भी यह अमानवीय कृत्य किया है, उसे सजा मिलनी चाहिए। सरपंच ने आश्वासन दिया कि पुलिस इस मामले की गहन जांच करेगी और पता लगाने का प्रयास करेगी कि आखिर कौन इस मासूम को यूं बेसहारा छोड़ गया।

पुलिस करेगी जांच, अस्पताल में जारी है शिशु का इलाज

भाद्राजून पुलिस को इस घटना की सूचना दे दी गई है और उन्होंने जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, शिशु का इलाज भूती पीएचसी में जारी है और जल्द ही उसे जालोर एमसीएच में स्थानांतरित किया जाएगा। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर कौन इस मासूम को खेत में छोड़कर गया और किन हालातों में यह घटना घटी।

मानवता की मिसाल बने ग्रामीण

वलदरा के सरपंच रामसिंह और गांव के अन्य ग्रामीणों ने एक नवजात की जान बचाकर मानवता की मिसाल पेश की है। उनके त्वरित प्रयासों से न केवल शिशु की जान बची बल्कि उसे समय पर चिकित्सा सुविधा भी मिल पाई। इस घटना ने समाज को सतर्क और जिम्मेदार बने रहने का संदेश भी दिया है।


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