(अब खबर सफेद कोट) धरती के भगवानों की चमत्कारिक सर्जरी: एम्स जोधपुर ने कैंसर मरीज के फेफड़े का आधा हिस्सा बचाया, आईसीयू में भर्ती की भी जरुरत नहीं
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2024-11-16 09:08:49
जोधपुर के एम्स अस्पताल में एक दुर्लभ और क्रांतिकारी सर्जरी में, डॉक्टरों ने 22 वर्षीय युवक के फेफड़े का आधा हिस्सा बचाने में सफलता प्राप्त की। यह युवक, जो श्रीगंगानगर का निवासी है, फेफड़े और श्वासनली के ऊपरी हिस्से में कैंसर से पीड़ित था। आधुनिक रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल कर सर्जरी को न केवल सफलता से अंजाम दिया गया बल्कि मरीज को जटिलताओं से भी मुक्त रखा गया।
सर्जरी की अनोखी तकनीक और महत्वपूर्ण योगदान
एम्स जोधपुर के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. जीवन राम विश्नोई ने बताया कि आमतौर पर इस प्रकार के कैंसर के इलाज में पूरे फेफड़े को निकालना पड़ता है, जिससे मरीज को कई जोखिम होते हैं जैसे निमोनिया और सीने में दर्द। पारंपरिक पद्धति के बजाय, टीम ने उन्नत रोबोटिक तकनीक का प्रयोग करते हुए केवल कैंसर प्रभावित हिस्से को हटाया और शेष फेफड़े को संरक्षित किया। इसके परिणामस्वरूप मरीज के शरीर में केवल दो छोटे चीरे लगे, जिनकी माप क्रमशः 8 मिमी और 12 मिमी थी, जबकि सामान्य ऑपरेशन में बड़ा कट लगाना पड़ता।
मामले की जटिलता और डॉक्टरों की रणनीति
इस केस में पहले प्रोफेसर निशांत भारद्वाज ने मरीज के फेफड़े में कैंसर की पहचान की। पारंपरिक तौर पर, इस तरह के ऑपरेशन में मरीज का पूरा सीना खोलकर प्रभावित फेफड़ा निकालना पड़ता है। लेकिन, डॉ. विश्नोई और उनकी टीम ने रोबोटिक विधि का उपयोग कर केवल कैंसर प्रभावित ऊतक और श्वासनली के हिस्से को हटाया, और शेष फेफड़े को यथावत रखा। इस प्रक्रिया में रोबोटिक तकनीक की सहायता से पहले लिम्फ नोड्स हटाए गए और फिर सावधानी से फेफड़े की जटिल रक्त वाहिकाओं को काटा गया।
बिना आईसीयू भर्ती के मरीज की तेजी से हुई रिकवरी
ऑपरेशन के बाद, मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी और उसे सीधे वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की स्थिति इतनी स्थिर थी कि उसे ऑपरेशन के केवल पांच दिनों बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
सरकारी बीमा योजना के अंतर्गत मुफ्त इलाज
पूरी सर्जरी और अस्पताल में भर्ती की सुविधा को सरकारी बीमा योजना के तहत मुफ्त में प्रदान किया गया, जिससे मरीज को मेट्रो शहरों के महंगे निजी अस्पतालों में इलाज कराने की जरूरत नहीं पड़ी। इस सफलता के बाद एम्स जोधपुर में इस तरह की और भी जटिल सर्जरी करने के लिए संभावनाएं बढ़ गई हैं।
अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों की सराहना
एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. जीडी पुरी और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. महेश देवानी ने सर्जरी के सफल निष्पादन के लिए टीम को बधाई दी। उन्होंने इस कामयाबी को अस्पताल और देश के चिकित्सा क्षेत्र में मील का पत्थर बताया। इस सफल ऑपरेशन के बाद एम्स जोधपुर का नाम रोबोटिक सर्जरी में अग्रणी के रूप में और भी प्रतिष्ठित हुआ है।
एम्स जोधपुर की इस अद्वितीय सर्जरी ने यह साबित कर दिया कि अत्याधुनिक तकनीकों और कुशल चिकित्सा सेवाओं के माध्यम से ऐसे जटिल मामलों में भी आशा की नई किरण जगाई जा सकती है। इस सफलता ने न केवल मरीज की जान बचाई बल्कि रोगियों के लिए बेहतर विकल्प की संभावनाओं को भी प्रकट किया है।