बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: JHAMPA ट्रेडमार्क का इस्तेमाल CAMPA ब्रांड से मिलता-जुलता, कंपनी पर रोक


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-11-16 07:43:06



 

बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण आदेश में, रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल लिमिटेड के "CAMPA" ब्रांड से मिलते-जुलते "JHAMPA" ट्रेडमार्क के इस्तेमाल पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी है। इस विवादित ट्रेडमार्क के संबंध में कोर्ट ने कहा कि यह "CAMPA" से काफी हद तक मिलता-जुलता है, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।

 

"CAMPA" और "JHAMPA" में समानता का मुद्दा

जस्टिस आर. आई. चागला की एकल पीठ ने अपने अंतरिम आदेश में पाया कि "JHAMPA" ट्रेडमार्क, "CAMPA" के साथ दृश्यात्मक, ध्वन्यात्मक और संरचनात्मक रूप से बेहद समान है। कोर्ट ने यह कहा कि रिलायंस द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर यह साबित होता है कि प्रतिवादी कंपनी का ट्रेडमार्क मूल ब्रांड का उल्लंघन कर रहा है, जो रिलायंस के अधिकारों का सीधा हनन है​।

कॉपीराइट उल्लंघन और उपभोक्ता भ्रम का मामला

अदालत ने अपने निर्णय में यह भी कहा कि प्रतिवादी कंपनी के उत्पादों का पैकेजिंग, रंग संयोजन और डिजाइन भी CAMPA ब्रांड के समान दिखता है, जिससे उपभोक्ता धोखे में आ सकते हैं। कोर्ट ने पाया कि प्रतिवादी कंपनी ने रिलायंस के कॉपीराइट का उल्लंघन किया है और इसके खिलाफ कार्रवाई आवश्यक है। रिलायंस ने यह भी दावा किया कि "JHAMPA" नाम का उपयोग CAMPA ब्रांड की लोकप्रियता का फायदा उठाने के लिए जानबूझकर किया गया है​।

रिलायंस का दावा और प्रतिवादी की दलील

रिलायंस ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि प्रतिवादी कंपनी द्वारा "JHAMPA" ट्रेडमार्क का इस्तेमाल CAMPA की लोकप्रियता को भुनाने का एक प्रयास है। दूसरी ओर, प्रतिवादी ने अपने बचाव में दावा किया कि "JHAMPA" केवल एक गाँव का नाम है और इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को भ्रमित करना नहीं था। हालांकि, कोर्ट ने प्रतिवादी के इस दावे को खारिज कर दिया, खासकर जब यह तथ्य सामने आया कि प्रतिवादी ने "JHAMPA" ट्रेडमार्क का पंजीकरण रिलायंस के चेतावनी नोटिस के बाद कराया था​।

अदालत के निर्देश

कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि प्रतिवादी को CAMPA ब्रांड के ट्रेडमार्क से मिलते-जुलते किसी भी तरह के चिन्ह, रंग संयोजन या विज्ञापन में इस्तेमाल से रोका जाएगा। यह निर्देश विशेष रूप से किसी भी भ्रामक या समान दिखने वाले ट्रेडमार्क का उपयोग न करने के लिए है। कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रतिवादी कंपनी को ऑनलाइन और प्रिंट माध्यमों में CAMPA के समान डिजाइन या ट्रेडड्रेस का उपयोग करने से रोक दिया जाए​।

प्रतिवादी के खिलाफ रोक और अगली सुनवाई

प्रतिवादी को 18 नवंबर, 2024 तक अदालत में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है, और अगली सुनवाई 27 नवंबर, 2024 को होगी। इस दौरान अस्थाई रोक का आदेश जारी रहेगा, और प्रतिवादी के किसी भी उल्लंघन के मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जस्टिस चागला ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में संतुलन और न्याय का पक्ष रिलायंस के पक्ष में है, और समय पर अंतरिम राहत न मिलने पर उन्हें अपूरणीय हानि का सामना करना पड़ सकता है​।

वकीलों की भूमिका और सुनवाई का निष्कर्ष

रिलायंस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शरण जगतियानी के साथ ही अधिवक्ताओं की टीम हिरेन कामोद, थॉमस जॉर्ज, नियति फतेहपुरिया, नीति निहाल और सिद्धार्थ जोशी ने कोर्ट में पेश होकर बहस की। प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता प्रितिश चटर्जी ने प्रतिनिधित्व किया। इस मामले में अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि प्रतिवादी ने आदेशों का पालन नहीं किया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी​।


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