अमानतुल्लाह खान के मामले में दुबई के व्यापारी जावेद इमाम सिद्दीकी को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2024-11-16 05:30:38
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में दुबई स्थित व्यापारी जावेद इमाम सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) नेता और पूर्व दिल्ली वक्फ बोर्ड चेयरमैन अमानतुल्लाह खान भी अभियुक्त हैं। इस केस में सिद्दीकी पर अवैध संपत्ति लेन-देन में शामिल होने का आरोप है, और न्यायालय ने उनकी लंबी न्यायिक प्रक्रिया और दस्तावेजों की स्थिति को देखते हुए उन्हें राहत प्रदान की है।
मामले का विवरण
अमनतुल्लाह खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के तहत गैरकानूनी भर्ती और संपत्तियों के अस्वीकृत पट्टे देने के आरोप हैं, जिसमें उन्होंने कथित रूप से अपराध की कमाई को अचल संपत्तियों में निवेश किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले वर्ष जावेद सिद्दीकी को इस मामले में गिरफ्तार किया, जो कि खान के करीबी माने जाते हैं। ईडी ने दावा किया है कि सिद्दीकी ने कुछ संपत्तियों को खान के सहयोगियों को बेच दिया था। हालाँकि, सिद्दीकी ने इस मामले में अपनी कोई गलती नहीं मानी है।
न्यायालय की टिप्पणी और जमानत का आधार
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने 13 नवंबर को आदेश जारी करते हुए कहा कि पांच अभियुक्तों और लगभग 4,000 पृष्ठों के साक्ष्यों के कारण मामला जल्दी नहीं निपटने की संभावना है। अदालत ने पाया कि दस्तावेजों की उपलब्धता के मुद्दों के चलते मामले में देरी हो रही है, जिससे अभियुक्तों को लंबे समय तक हिरासत में रखना उचित नहीं है। अदालत ने कहा कि अभियुक्तों को न्यायिक प्रक्रिया में लंबा समय बिताने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
ईडी की पॉलिसी और दस्तावेज की स्थिति पर प्रश्न
जावेद सिद्दीकी के वकीलों, विशेष रूप से अधिवक्ता अर्जुन कक्कड़, ने इस मामले में ईडी की कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ईडी ने न केवल केस से संबंधित दस्तावेजों को उपलब्ध कराने में देरी की है, बल्कि कुछ अनावश्यक दस्तावेजों को सूची में शामिल भी किया गया है, जिससे मामले में और भी जटिलता आई है। ईडी के खिलाफ एक याचिका दायर करते हुए, सिद्दीकी के वकीलों ने कहा कि एजेंसी ने कई दस्तावेज़ पेश करने में रुचि नहीं दिखाई, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह मामला जल्द हल नहीं हो पाएगा।
शर्तें और अन्य निर्देश
जमानत देते हुए न्यायालय ने सिद्दीकी को अपने पासपोर्ट जमा करने और किसी भी अवैध गतिविधि से दूर रहने की सख्त हिदायत दी है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि वह कोर्ट की सभी सुनवाई में उपस्थित रहें और किसी भी तरीके से न्याय प्रक्रिया को बाधित न करें। ईडी ने अमनतुल्लाह खान के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया था, लेकिन विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह ने अभियोजन स्वीकृति के अभाव में इसे स्वीकार नहीं किया।
कानूनी राय और आगे की स्थिति
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में अभी और भी कानूनी पहलू सामने आ सकते हैं, विशेषकर ईडी के आरोपों और साक्ष्यों की विश्वसनीयता पर। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि कानूनी प्रक्रिया का पालन हर स्थिति में होना चाहिए और अभियुक्तों के अधिकारों का भी सम्मान किया जाना चाहिए।