अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तस्करी रोकने के लिए विदेशी नस्ल के डॉग्स BSF के नए साथी


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-11-15 21:28:44



 

सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पाकिस्तान से लगती राजस्थान और गुजरात की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है। अब विदेशी नस्ल के विशेष प्रशिक्षित जर्मन शेफर्ड और लैब्राडोर डॉग्स BSF के जवानों के साथ गश्त करेंगे, ताकि तस्करी, विशेषकर ड्रोन द्वारा भेजे जा रहे मादक पदार्थों की तस्करी को रोका जा सके।

जर्मन शेफर्ड की पहली यूनिट तैनात

बीएसएफ के बीकानेर स्थित डॉग ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षित किए गए जर्मन शेफर्ड डॉग्स की पहली यूनिट ने अपनी छह महीने की ट्रेनिंग पूरी कर ली है। इन्हें अब राजस्थान और गुजरात की सीमाओं पर तैनात कर दिया गया है। बीएसएफ के महानिरीक्षक एमएल गर्ग ने इसकी पुष्टि की और बताया कि भविष्य में जैसे-जैसे अन्य डॉग्स ट्रेनिंग पूरी करेंगे, इनकी तैनाती भी सीमाओं पर बढ़ाई जाएगी।

तस्करी के खिलाफ एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी के साथ तैनात रहेंगे डॉग्स

सीमा पर सबसे बड़ी चुनौती ड्रोन द्वारा हेरोइन जैसे मादक पदार्थों की तस्करी है, जो खेतों और जंगलों में ड्रोन से गिराए जाते हैं। इन विदेशी नस्ल के डॉग्स को विशेष रूप से इस तरह से प्रशिक्षित किया गया है कि वे 5-7 किलोमीटर तक मादक पदार्थों का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा, किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा तस्करी के काम में शामिल होने पर भी इन डॉग्स की मदद से उसकी पहचान की जा सकेगी।

देसी नस्ल और स्ट्रीट डॉग्स का भी होगा सहयोग

एमएल गर्ग ने यह भी जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने करीब ढाई साल पहले सीमा सुरक्षा बल को स्ट्रीट डॉग्स को ट्रेनिंग देकर बॉर्डर पर तैनात करने का निर्देश दिया था। बीकानेर सेक्टर में लगभग 200 भारतीय नस्ल के स्ट्रीट डॉग्स को बीएसएफ की सीमा चौकियों पर तैनात किया गया है। ये देसी नस्ल के डॉग्स अजनबियों को पहचानने और अलर्ट करने में माहिर हैं, और इस योजना के तहत अब देश की अन्य सीमाओं पर भी स्ट्रीट डॉग्स का उपयोग किया जाएगा।

तस्करी की घटनाओं पर कड़ी निगरानी

पाकिस्तान से सटी राजस्थान की 1037 किमी लंबी सीमा पर तस्कर ड्रोन द्वारा हेरोइन के पैकेट भारतीय सीमा में गिराते हैं। बीएसएफ के जवान लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं और डॉग्स के शामिल होने से अब सुरक्षा तंत्र और मजबूत हो गया है। सीमा पर डॉग्स की तैनाती के चलते न केवल मादक पदार्थों की तस्करी बल्कि अन्य संदिग्ध गतिविधियों पर भी पैनी निगरानी रखी जा सकेगी।

सीमा सुरक्षा में BSF का नई तकनीकों और योजनाओं का प्रयोग

BSF अब आधुनिक एंटी-ड्रोन तकनीक और विदेशी नस्ल के डॉग्स का सहारा लेकर सुरक्षा को चाक-चौबंद कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, BSF द्वारा अपनाए गए ये कदम न केवल सीमाओं पर सुरक्षा को और पुख्ता करेंगे बल्कि तस्करों के नेटवर्क को भी ध्वस्त करने में सहायक होंगे।


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