झारखंड: मुख्यमंत्री के निजी सचिव के ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा, कई ठिकानों पर जांच जारी


के कुमार आहूजा  2024-11-15 09:04:04



 

झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सचिव सुनील श्रीवास्तव और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग की बड़ी कार्रवाई ने राज्य में सनसनी फैला दी है। शनिवार सुबह शुरू हुई इस छापेमारी में आयकर विभाग ने श्रीवास्तव के रांची स्थित कई संपत्तियों, जिनमें रामदेव विहार सोसाइटी के तीन फ्लैट्स, शामिल हैं, पर रेड डाली। इसके अलावा जमशेदपुर के अनजानिया इस्पात और अन्य व्यापारिक ठिकानों पर भी कार्रवाई जारी है। इन जगहों पर वित्तीय अनियमितताओं और कर चोरी की जांच की जा रही है।

आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस छापेमारी में करीब 16-17 स्थानों को शामिल किया गया है। आयकर विभाग की टीम ने सुबह होते ही इन ठिकानों पर पहुंचकर दस्तावेजों की पड़ताल शुरू की। विभाग के अधिकारियों ने सील बंद दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की भी तलाशी ली। यह जांच राज्य में कर चोरी के व्यापक मामले का एक हिस्सा है, जो कि राजनेताओं और उनके करीबियों की संलिप्तता की ओर इशारा करती है।

श्रीवास्तव और उनके साथियों के आर्थिक लेन-देन की जांच 

श्रीवास्तव के खिलाफ आयकर विभाग की इस कार्रवाई में उनकी संपत्तियों और आर्थिक लेन-देन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स की टीम को इन ठिकानों पर कुछ अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं, जो कर चोरी और काले धन से संबंधित माने जा रहे हैं। साथ ही, यह छापेमारी पिछले कुछ दिनों से चल रही जांच का हिस्सा बताई जा रही है, जिसमें राज्य के अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।

राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल 

यह छापेमारी राज्य के राजनीतिक माहौल को और गरमा रही है, क्योंकि हेमंत सोरेन सरकार के करीबी लोगों पर पहले भी विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की जाती रही है। राज्य में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने लगातार सरकार पर निशाना साधा है। अब सुनील श्रीवास्तव के खिलाफ हुई इस कार्रवाई ने इस मामले को और तूल दे दिया है।

आगे की जांच पर टिकीं निगाहें 

आयकर विभाग ने इस मामले में अभी पूरी जानकारी नहीं दी है, लेकिन यह स्पष्ट किया है कि इस जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे मामले में यह देखना अहम होगा कि क्या अन्य लोगों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई होगी या नहीं।


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