(अब खबर राजनीति से) दिल्ली मेयर चुनाव: आप और बीजेपी में कांटे की टक्कर, सख्त सुरक्षा में मतदान आज
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2024-11-15 07:41:21
आज दिल्ली के मेयर पद का चुनाव नगर निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में दोपहर 2 बजे आयोजित किया जाएगा। यह चुनाव बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच एक बार फिर राजनीतिक तनाव पैदा कर रहा है। सख्त सुरक्षा के बीच पार्षदों और अन्य सदस्य बैलट पेपर से वोट डालेंगे, जबकि दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेंगे।
चुनाव का समय और व्यवस्था:
इस बार के मेयर चुनाव की जिम्मेदारी प्रिसाइडिंग ऑफिसर सत्य शर्मा संभालेंगे। नियमों के अनुसार, MCD हर साल अप्रैल में मेयर चुनाव कराता है, जिसमें पहले वर्ष महिला और तीसरे वर्ष अनुसूचित जाति से एक मेयर का चयन होता है। इस बार तीसरे साल के चुनाव में दलित समुदाय से मेयर चुना जाएगा।
चुनाव में भागीदारी और विशेष प्रावधान:
चुनाव में दिल्ली के विधायक और संसद सदस्य शामिल होंगे, लेकिन एल्डरमेन को वोट देने की अनुमति नहीं है। कुल 250 सदस्यों में से आप के पास 125 सीटें हैं जबकि बीजेपी के पास 113 सदस्य हैं। कांग्रेस के नौ और तीन निर्दलीय सदस्य भी शामिल हैं। प्रत्येक सदस्य को मतदान में भाग लेने के लिए कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना होगा।
उम्मीदवारों की सूची:
आप और बीजेपी दोनों ने मेयर और उप-मेयर पदों के लिए उम्मीदवार उतारे हैं। आप की ओर से महेश कुमार (वार्ड नं. 84, देव नगर) मेयर पद के उम्मीदवार हैं जबकि बीजेपी से कृष्ण लाल (वार्ड नं. 62, शाकूरपुर) मैदान में हैं। उप-मेयर पद के लिए आप के रविंद्र भारद्वाज (वार्ड नं. 41, अमन विहार) और बीजेपी की नीता बिष्ट (वार्ड नं. 247, सादतपुर) हैं।
वोटिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता का नया कदम:
चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए वोटिंग अब एक खुले बॉक्स में की जाएगी ताकि सभी पार्षद मतदान प्रक्रिया को देख सकें। मतदान गोपनीय रहेगा, लेकिन यह प्रक्रिया पारदर्शिता बनाए रखने में सहायक साबित होगी। वोटिंग के लिए A ब्लॉक में केवल पार्षद और चुनाव अधिकारी को ही प्रवेश की अनुमति है।
राजनीतिक और प्रशासनिक तनाव:
आप ने प्रिसाइडिंग ऑफिसर के तौर पर सत्य शर्मा की नियुक्ति पर सवाल उठाया है। दिल्ली के एल-जी ने सत्य शर्मा को पुनः इस पद पर नियुक्त किया, जिससे आप में नाराजगी है। इस मुद्दे ने एक बार फिर से दिल्ली के राजनीति में तनाव को बढ़ा दिया है।
आगे का संभावित परिणाम:
दिल्ली का मेयर चुनाव केवल प्रशासनिक महत्व ही नहीं बल्कि आप और बीजेपी के बीच की राजनीतिक गतिरोध को भी दिखाता है। इस चुनाव के नतीजे राजधानी की राजनीति में अहम बदलाव ला सकते हैं।