महंगाई की मार: सब्जियों की कीमतों में उछाल से अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 6.21 प्रतिशत पर पहुंची भारत में खुदरा महंगाई (Consumer Price Index - CPI) अक्टूबर 2024 में बढ़कर 6.21% तक पहुंच गई। सितंबर में यह दर 5.49% थी। मुख्य रूप से सब्जियों के दाम में उ
के कुमार आहूजा 2024-11-14 20:59:03
महंगाई की मार: सब्जियों की कीमतों में उछाल से अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 6.21 प्रतिशत पर पहुंची
भारत में खुदरा महंगाई (Consumer Price Index - CPI) अक्टूबर 2024 में बढ़कर 6.21% तक पहुंच गई। सितंबर में यह दर 5.49% थी। मुख्य रूप से सब्जियों के दाम में उछाल और मानसून के कारण हुई फसल क्षति ने इस वृद्धि को प्रभावित किया है।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी वृद्धि
अक्टूबर में खाद्य महंगाई में 10.87% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें सब्जियों की कीमतों में 42.18% का उछाल शामिल है। सब्जियों के अलावा, फलों और खाद्य तेलों की कीमतों में भी वृद्धि हुई। हालाँकि, दाल, अंडा और चीनी की कीमतों में कुछ राहत देखने को मिली है।
आवास और बिजली के खर्च में भी बढ़ोतरी
अक्टूबर में आवासीय मुद्रास्फीति 2.81% रही, जो सितंबर में 2.72% थी। इसके अलावा, बिजली की कीमतों में भी मामूली बढ़ोतरी देखी गई, जो 5.45% तक पहुंच गई। यह स्थिति ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महंगाई का दबाव बढ़ा रही है।
आरबीआई की नीति और दर कटौती की उम्मीदें
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से महंगाई दर को 2-6% के बीच रखने का लक्ष्य है, लेकिन अक्टूबर में यह दर इस सीमा से ऊपर निकल गई। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने संकेत दिया है कि नीतिगत रुख में बदलाव का मतलब दर में कटौती नहीं है। फिलहाल दरों में कटौती से सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
भविष्य में महंगाई से निपटने की चुनौतियाँ
बढ़ती महंगाई के चलते सरकार और आरबीआई के सामने महंगाई को काबू में लाने की चुनौती है। यह बढ़ी हुई महंगाई आम जनता के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। आगामी कुछ महीनों में नीतिगत कदमों का असर देखने को मिल सकता है।