भारतीय सेना की ताकत में इज़ाफा: 9.5 टन तक वजन ढोने वाली P-7 पैराशूट सिस्टम DGQA को सौंपा


के कुमार आहूजा  2024-11-14 13:59:59



 

भारत की सैन्य क्षमताओं को एक नई ऊंचाई तक ले जाने वाले P-7 पैराशूट सिस्टम को आधिकारिक तौर पर गुणवत्ता नियंत्रण एजेंसी DGQA को सौंप दिया गया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस कदम से सेना की तेज़ और सुरक्षित डिलीवरी क्षमताओं में वृद्धि होगी। जानिए, कैसे यह तकनीकी प्रगति देश की सुरक्षा को नई मजबूती देगी।

P-7 पैराशूट सिस्टम: विशेषता और भूमिका

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की Aerial Delivery Research and Development Establishment (ADRDE), आगरा द्वारा विकसित, P-7 पैराशूट सिस्टम का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना के लिए भारी वजन वाले सामान को सुरक्षित रूप से एयरड्रॉप करना है। इस सिस्टम को Gliders India Limited (GIL) की ओर से कानपुर के ऑर्डनेंस पैराशूट फैक्ट्री (OPF) में तैयार किया गया है। यह पैराशूट सिस्टम IL-76 विमान से 4 किलोमीटर की ऊंचाई से 9.5 टन तक का भार सुरक्षित रूप से नीचे गिराने में सक्षम है।

DGQA को सौंपा गया AHSP

मंगलवार को DRDO भवन में आयोजित एक समारोह में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने P-7 पैराशूट सिस्टम के Authority Holding Sealed Particulars (AHSP) को Directorate General of Quality Assurance (DGQA) को सौंप दिया। AHSP का कार्य रक्षा उत्पादों के सम्पूर्ण इतिहास और तकनीकी जानकारी को संरक्षित, अपडेट और अप्रचलित घोषित करना होता है। इस कदम से इस सिस्टम के रख-रखाव और गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित होगा।

सेना की त्वरित तैनाती क्षमताओं में बढ़ोतरी

P-7 पैराशूट सिस्टम का उपयोग भारतीय सेना द्वारा सीमावर्ती और संघर्ष क्षेत्रों में हल्के फील्ड गन और जीप को एयरड्रॉप कर त्वरित तैनाती में किया जा सकता है। इसके माध्यम से सेना सीमित समय में अपने संसाधनों को युद्धक्षेत्र में पहुंचा सकती है। सेना ने GIL (OPF), कानपुर से 146 P-7 हेवी ड्रॉप पैराशूट सिस्टम की आपूर्ति का आदेश दिया है, जो भविष्य में इसकी सैन्य तैनाती को और मजबूती देगा।

जनरल स्टाफ मूल्यांकन में सफल

रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस सिस्टम ने जनरल स्टाफ मूल्यांकन (General Staff Evaluation) को सफलतापूर्वक पूरा किया है और इसे सेवाओं में शामिल कर लिया गया है। इस मूल्यांकन के तहत सिस्टम की कार्यक्षमता, गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की जांच की गई। इसे भारतीय सेना के लिए एक भरोसेमंद और प्रभावी समाधान के रूप में देखा जा रहा है जो बड़े पैमाने पर सैनिकों और सामग्रियों की आपूर्ति को प्रभावी रूप से सुनिश्चित करेगा।

तकनीकी प्रगति और सुरक्षा में लाभ

ADRDE के इस विकास से भारत की सैन्य एयरबोर्न प्रणाली में तकनीकी प्रगति हुई है। अब भारतीय सेना कठिनाई से भरे इलाकों में भी भारी वजन के सामान और वाहनों को एयरड्रॉप करने में सक्षम होगी, जिससे सुदूर क्षेत्रों में त्वरित और विश्वसनीय सहायता मिल सकेगी।

P-7 पैराशूट सिस्टम का DGQA को सौंपना भारतीय सैन्य विकास का एक बड़ा कदम है, जो हमारे सशस्त्र बलों की त्वरित डिलीवरी और तैनाती क्षमताओं को और मजबूत करेगा। इससे भारत की रक्षा संरचना को नया आयाम मिलेगा और कठिन परिस्थितियों में भी सेना अपनी जिम्मेदारियों को कुशलता से निभा सकेगी।


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