मणिपुर हिंसा: काबू पाने के लिए केंद्र का बड़ा कदम, 20 अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात


के कुमार आहूजा  2024-11-14 12:54:53



 

मणिपुर में हालिया दिनों में बढ़ती हिंसा, खासकर जिरीबाम क्षेत्र में हुई घटनाओं के बाद केंद्र सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए 20 अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की कंपनियों को राज्य में भेजने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से 15 कंपनियां सीआरपीएफ और 5 कंपनियां बीएसएफ की मणिपुर भेजने के आदेश दिए हैं।

कुल 218 केंद्रीय बलों की तैनाती

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद मणिपुर में कुल 218 कंपनियों की तैनाती हो जाएगी। ये बल वहां पहले से मौजूद सुरक्षाबलों के साथ मिलकर हिंसा को रोकने और शांति बनाए रखने के प्रयास करेंगे। मणिपुर में पिछले मई से ही दो प्रमुख जातीय समूहों—मैतेई और कुकी के बीच हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 240 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 65,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं​।

ताजा हिंसा में महिलाओं की हत्याएं और घरों में आगजनी

ताजा हिंसा का दौर गुरुवार को तब शुरू हुआ, जब जिरीबाम जिले में हथियारबंद उपद्रवियों ने एक गांव में दस घरों को आग लगा दी और एक महिला को कथित तौर पर जिंदा जला दिया। इसके बाद शनिवार को एक और महिला की हत्या बिष्णुपुर के एक गांव में कर दी गई। इस बढ़ती हिंसा ने स्थिति को और खराब कर दिया है​।

जिरीबाम में मुठभेड़ में 10 उपद्रवी मारे गए, विवाद बढ़ा

सोमवार को सीआरपीएफ ने जिरीबाम के जाकुराधोर इलाके में मुठभेड़ में दस हथियारबंद उपद्रवियों को मार गिराया। पुलिस के मुताबिक, ये उपद्रवी एक पुलिस स्टेशन पर हमला करने आए थे, जहां कुछ विस्थापित परिवारों को शरण दी गई थी। घटना के बाद कूकी और हमार संगठनों ने मारे गए लोगों को 'गांव के स्वयंसेवक' करार दिया और कहा कि ये उपद्रवी नहीं थे। उन्होंने इस घटना के विरोध में पहाड़ी इलाकों में बंद का ऐलान कर दिया​।

नेशनल हाइवे पर वाहनों में आगजनी

बुधवार को ताजा हिंसा के दौरान दो ट्रकों को संदिग्ध उपद्रवियों ने रोककर आग के हवाले कर दिया। ये ट्रक नेशनल हाइवे संख्या 37 पर चावल, प्याज और आलू जैसी जरूरी वस्तुएं लेकर तामेंगलोंग, नोंगमई और लोंगमाई जिलों में जा रहे थे। मणिपुर में जारी इस हिंसा ने राज्य के महत्वपूर्ण संसाधनों और आपूर्ति श्रृंखला को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे आम जनता को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है​।

स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों की चुनौतियाँ

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कर्फ्यू लगा दिया गया है और विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा बंद का आह्वान किया गया है। हालात को नियंत्रण में रखने के लिए सुरक्षा बलों को दिन-रात संघर्ष करना पड़ रहा है। राज्य में बढ़ती हिंसा को देखते हुए स्थानीय पुलिस और केंद्रीय बलों के बीच तालमेल बेहद आवश्यक हो गया है ताकि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके​।

विस्थापन और हिंसा का मानवीय संकट

मई 2023 से शुरू हुई इस जातीय हिंसा ने राज्य को मानवीय संकट के कगार पर ला दिया है। स्थानीय और केंद्रीय प्रशासन के प्रयासों के बावजूद स्थिति पूरी तरह से काबू में नहीं आ पाई है। विस्थापित हुए हजारों लोगों के लिए अस्थायी शिविर बनाए गए हैं, लेकिन सुरक्षा और शांति की स्थिति की बहाली अब भी एक बड़ी चुनौती है​।


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