भारत के रक्षा क्षेत्र में एक और सफलता: लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल LRLACM का सफल परीक्षण
के कुमार आहूजा 2024-11-14 06:45:24
भारत के रक्षा क्षेत्र में एक और सफलता: लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल LRLACM का सफल परीक्षण
भारत ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के माध्यम से लंबी दूरी की भूमि हमला क्रूज मिसाइल (Long-Range Land Attack Cruise Missile - LRLACM) का सफल परीक्षण कर एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से मंगलवार दोपहर किया गया, जहाँ सभी निर्धारित मानकों को सफलता पूर्वक पूरा किया गया।
प्रमुख उपलब्धि: DRDO द्वारा सफल परीक्षण
मिसाइल का यह पहला परीक्षण DRDO की एरोनॉटिकल डवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (ADE), बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है, जिसमें भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL), हैदराबाद और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), बेंगलुरु का भी योगदान शामिल है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने पूर्व-निर्धारित रास्ते पर सटीकता से अपनी यात्रा पूरी की, जहाँ रास्ते में विभिन्न ऊँचाइयों और स्पीड पर कई महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास किए गए।
आधुनिक उपकरणों और सिस्टम का उपयोग
इस परीक्षण में मिसाइल की सटीकता और प्रदर्शन को मापने के लिए रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (EOTS) और टेलीमेट्री उपकरणों का उपयोग किया गया। इस क्रूज मिसाइल को अत्याधुनिक अवियोनिक्स और परिष्कृत सॉफ्टवेयर से सुसज्जित किया गया है, जो इसे दुश्मनों के खिलाफ लंबे समय तक उपयोग में अधिक प्रभावी और विश्वसनीय बनाता है।
ग्राउंड-बेस्ड और नेवल लॉन्च सिस्टम से लॉन्चिंग की क्षमता
LRLACM को एक मिशन-मोड परियोजना के तहत रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) द्वारा स्वीकृत किया गया है, जो इसे भारतीय सशस्त्र बलों की रक्षा क्षमता को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से बनाया गया है। इस मिसाइल को ग्राउंड-बेस्ड मोबाइल प्लेटफॉर्म के साथ-साथ नौसैनिक जहाजों से भी लॉन्च किया जा सकता है। इसके लिए एक सार्वभौमिक वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल का उपयोग किया गया है, जो इसे मल्टी-प्लेटफार्म लॉन्च क्षमता प्रदान करता है।
परीक्षण के गवाह बने वरिष्ठ अधिकारी
इस परीक्षण के दौरान वरिष्ठ DRDO वैज्ञानिकों के साथ भारतीय नौसेना, वायु सेना और सेना के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए DRDO, सशस्त्र बलों और भारतीय रक्षा उद्योग को बधाई दी। रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष ने भी टीम को इस उपलब्धि के लिए सराहा।
देश में आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग की ओर एक और कदम
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह परीक्षण न केवल LRLACM की क्षमता को सिद्ध करता है, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम है। यह परीक्षण आगे चलकर भारत को कई और स्वदेशी क्रूज मिसाइल प्रोग्राम को विकसित करने में भी सक्षम बनाएगा।
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस सफलता के लिए वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को अपनी शुभकामनाएं दीं। यह परीक्षण न केवल भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि देश को नई तकनीकी ऊँचाइयों तक पहुँचने में मददगार साबित होता है।