वाराणसी में देव दीपावली की रौनक: सुरक्षा के मद्देनज़र नो-फ्लाई ज़ोन की घोषणा


के कुमार आहूजा  2024-11-14 05:20:40



 

उत्सव का आकर्षण और भीड़ प्रबंधन के कड़े इंतजाम

देव दीपावली का पर्व वाराणसी में गंगा के घाटों पर मनाए जाने वाला एक अद्वितीय पर्व है, जो देवताओं की दीवाली के रूप में भी जाना जाता है। इस वर्ष 16 नवंबर को इस महोत्सव में लाखों भक्तों, स्थानीय निवासियों और विशिष्ट अतिथियों के शामिल होने की संभावना है, जिसकी वजह से अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था) शिवासिम्पी चन्नप्पा ने शहर में नो-फ्लाई जोन लागू कर दिया है। यह प्रतिबंध 12 नवंबर की आधी रात से 16 नवंबर की मध्यरात्रि तक प्रभावी रहेगा, जिससे सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके​।

नो-फ्लाई जोन के तहत प्रतिबंधित उड़ानें और सुरक्षा उपाय

चन्नप्पा के अनुसार, भीड़ नियंत्रण और वीआईपी मूवमेंट के लिए ड्रोन, पतंग, गुब्बारे, रिमोट संचालित माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, और पैराग्लाइडर्स जैसी उड़ान गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये सभी गतिविधियाँ केवल पूर्व अनुमति के बाद ही की जा सकेंगी। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस प्रकार की उड़ान गतिविधियाँ खतरा पैदा कर सकती हैं, इसलिए यह सख्त कदम उठाया गया है​।

पौराणिक मान्यता और देव दीपावली का महत्व

देव दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा की रात को मनाई जाती है और यह पर्व भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर राक्षस पर विजय का प्रतीक माना जाता है। वाराणसी में इस दिन विशेष रूप से घाटों पर दीप जलाकर और गंगा आरती करके उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान पूरे शहर में एक दिव्य और भव्य दृश्य बनता है, जहां गंगा नदी के तट पर जलते लाखों दीये झिलमिलाते हुए नज़र आते हैं​।

घाटों की रौनक और धार्मिक अनुष्ठान

देव दीपावली पर दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है। यहां पुजारियों द्वारा भव्य आरती के साथ दीप प्रज्वलन किया जाता है, जिसे देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। घाटों पर दीप जलाने के साथ-साथ श्रद्धालु गंगा में दीप प्रवाहित करते हैं, जो इस महोत्सव की अद्भुत और मनमोहक छवि प्रस्तुत करता है​।

देव दीपावली के अन्य आकर्षण

देव दीपावली के अवसर पर वाराणसी में लेजर लाइट शो और आतिशबाजी भी देखने को मिलती है, जो रात के आकाश को रंगों से सजा देती है। इसके अलावा, गंगा पर बोट राइड का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें भक्त घाटों पर हो रहे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अनुभव कर सकते हैं। यह आयोजन वाराणसी के सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का अद्भुत मिलन है, जो हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है​।

वाराणसी की देव दीपावली न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सुरक्षा, प्रशासनिक और सांस्कृतिक प्रबंधन का भी बेहतरीन उदाहरण है। इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से व्यापक इंतज़ाम किए गए हैं, जो वाराणसी के इस भव्य आयोजन को सुचारू रूप से सम्पन्न करने में सहायक होंगे।


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