बॉम्बे हाईकोर्ट का 26 साल पुराना मामला सुलझा: निवेशकों को राहत और आगे की कार्रवाई के आदेश
के कुमार आहूजा 2024-11-13 14:00:11
बॉम्बे हाईकोर्ट का 26 साल पुराना मामला सुलझा: निवेशकों को राहत और आगे की कार्रवाई के आदेश
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एक 26 वर्षीय जनहित याचिका को समाप्त किया, जो सेबी द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी की स्कीमों को नियंत्रित करने के लिए दायर की गई थी। इस याचिका में धोखाधड़ी वाली योजनाओं जैसे कि एग्रो और प्लांटेशन बॉन्ड के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी, जो कि 1990 के दशक में निवेशकों को बड़े लाभ का लालच देकर चलाई गई थीं।
नियामकीय ढांचे की कमी और निवेशकों पर प्रभाव
सेबी ने अपनी दलील में कोर्ट को बताया कि उस समय इन योजनाओं पर उचित नियंत्रण का अभाव था और निवेशक ठगी का शिकार हो रहे थे। लिब्रा प्लांटेशन लिमिटेड जैसी कंपनियां पंजीकरण के बिना ही सार्वजनिक धन जुटा रही थीं और बाद में यह कंपनियां पैसे लेकर गायब हो गईं, जिससे निवेशकों को काफी नुकसान हुआ।
1999 में लागू हुए नए नियम
सेबी ने कोर्ट को सूचित किया कि 1998 में याचिका दाखिल करने के समय कानूनी ढांचे की कमी थी। लेकिन अब 1999 के सिक्योरिटी और एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम) रेगुलेशंस के लागू होने के बाद निवेशकों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार हो गया है।
मुकदमे का निष्कर्ष और कोर्ट का आदेश
अदालत ने पाया कि सेबी के नए नियम पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करते हैं, और अब इस याचिका को जारी रखने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने लिब्रा प्लांटेशन लिमिटेड की परिसमापन प्रक्रिया का मामला कंपनी अदालत (एनसीएलटी) को सौंप दिया, जो संपत्ति की बिक्री और निवेशकों को धन वापसी की प्रक्रिया का निरीक्षण करेगी।
आगे की कार्रवाई का आदेश
कोर्ट ने पुलिस उपायुक्त और भारतीय रिज़र्व बैंक को मामले में लंबित जांच और ऑडिट रिपोर्ट आठ हफ्तों के भीतर दाखिल करने का निर्देश दिया।