दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: Mankind Pharma के ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने पर Aquakind पर रोक
के कुमार आहूजा 2024-11-13 11:50:16
दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: Mankind Pharma के ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने पर Aquakind पर रोक
दिल्ली हाईकोर्ट ने Mankind Pharma Limited के ट्रेडमार्क के संरक्षण में Aquakind Labs LLP को "KIND" का उपयोग करने पर अस्थायी रोक लगाई है।
मामले की पृष्ठभूमि:
Mankind Pharma ने Aquakind Labs LLP के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि "Aquakind" का ट्रेड नेम उसके पंजीकृत "Mankind" ट्रेडमार्क से मिलते-जुलते होने के कारण उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रहा है। Mankind Pharma के वकीलों ने दलील दी कि यह ट्रेडमार्क 1986 में रमेंश जुनेजा द्वारा स्थापित किया गया था और तब से इसका उपयोग लगातार हो रहा है।
अस्थायी रोक का आदेश:
जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने Mankind Pharma के पक्ष में फैसला सुनाया। न्यायालय ने माना कि यदि Aquakind को ट्रेडमार्क उपयोग करने की अनुमति दी जाती है तो इससे Mankind को गंभीर नुकसान हो सकता है। अतः Aquakind Labs LLP को "KIND" के उपयोग पर अंतरिम रूप से रोक लगा दी गई है।
स्थानीय कमिश्नरों की नियुक्ति:
कोर्ट ने Aquakind Labs की परिसरों की जांच के लिए स्थानीय कमिश्नरों की नियुक्ति भी की है, जिनके साथ Mankind के प्रतिनिधि भी होंगे। कमिश्नरों को विवादित उत्पादों की जानकारी जुटानी और कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
आगे की सुनवाई:
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 मार्च, 2025 को तय की है। Aquakind के खिलाफ यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक कोर्ट अन्य आदेश नहीं देता।
अधिवक्ताओं का पक्ष:
वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर एम. लाल और उनकी टीम ने Mankind Pharma का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने कंपनी के ट्रेडमार्क की सुरक्षा को प्रमुख आधार बनाया।