सबरीमाला यात्रा में डॉली सेवा के लिए नए नियम: श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए केरल हाईकोर्ट के अहम निर्देश


के कुमार आहूजा  2024-11-12 07:01:00



 

सबरीमाला यात्रा में एक 60 वर्षीय श्रद्धालु के गिरने के बाद केरल हाईकोर्ट ने डॉली सेवा की सुरक्षा में सुधार के आदेश दिए। ये निर्देश श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक आवश्यक कदम के रूप में देखे जा रहे हैं।

हादसे की पृष्ठभूमि: 

जुलाई में पंबा से सन्निधानम तक चढ़ाई करते समय एक श्रद्धालु की डॉली से गिरने की घटना हुई थी। इस हादसे के बाद अदालत ने ट्रावणकोर देवस्वम बोर्ड से जवाब मांगा और पाया कि पुरानी और जर्जर डॉलियों का इस्तेमाल हादसे का कारण हो सकता है।

अदालत के निर्देश: 

न्यायमूर्ति अनिल के. नरेंद्रन और न्यायमूर्ति पी.जी. अजीतकुमार की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि डॉली सेवाओं के उपकरणों का निरीक्षण नियमित रूप से किया जाए। विशेष रूप से प्रत्येक मास पूजा और मकरविलक्कू मौसम के दौरान इन डॉलियों की फिटनेस का निरीक्षण किया जाएगा।

डॉली वर्कर्स की पंजीकरण अनिवार्यता: 

कोर्ट ने कहा कि केवल पंजीकृत डॉली वर्कर्स ही श्रद्धालुओं को ले जा सकेंगे और उनके पास पुलिस वेरिफिकेशन और स्वास्थ्य प्रमाणपत्र होना चाहिए।

मूल्य सूची और जागरूकता: 

अदालत ने पंबा, मर्कुट्टम और सन्निधानम पर डॉली सेवा की दरों की जानकारी कई भाषाओं में प्रदर्शित करने का निर्देश दिया, ताकि श्रद्धालु जागरूक रहें और किसी भी प्रकार के अनावश्यक शुल्क से बच सकें।

सुरक्षा व्यवस्था और निरीक्षण: 

पंबा और सन्निधानम में ड्यूटी मजिस्ट्रेट और देवस्वम बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे नियमित निरीक्षण करें ताकि श्रद्धालुओं का शोषण न हो सके।

नई तकनीकी प्रणाली का सुझाव: 

कोर्ट ने देवस्वम बोर्ड से प्रीपेड सिस्टम, क्यूआर कोड और आरएफआईडी स्कैनिंग पर भी निर्णय लेने का निर्देश दिया ताकि डॉली सेवा को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सके।

कोर्ट के इन निर्देशों का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करना है, जिससे धार्मिक यात्रा में कोई भी हादसा न हो और सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित सेवा मिल सके।


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