राजस्थान का पुष्कर मेला: भारतीय और विदेशी महिलाओं ने मनमोहक मांडनों से सजाईं दीवारें
के कुमार आहूजा 2024-11-11 23:12:19
राजस्थान का पुष्कर मेला: भारतीय और विदेशी महिलाओं ने मनमोहक मांडनों से सजाईं दीवारें
राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेले का शुभारंभ अनोखी मांडना प्रतियोगिता के साथ हुआ, जिसमें भारतीय एवं विदेशी महिलाओं ने भाग लिया। सांस्कृतिक समृद्धि और विदेशी पर्यटकों की दिलचस्पी के बीच इस प्रतियोगिता में भारतीय पारंपरिक कला का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
विस्तृत रिपोर्ट
राजस्थान के पुष्कर मेले का शुभारंभ हर साल कई पारंपरिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ होता है, जो यहां आने वाले हज़ारों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनती हैं। इस साल 2 से 17 नवम्बर 2024 तक चलने वाले इस मेले में पारंपरिक मांडना कला प्रतियोगिता के माध्यम से विदेशी और भारतीय कलाकारों ने दीवारों को रचनात्मकता से सजाया। इस मांडना कला में दीवारों पर विभिन्न रंगों और आकृतियों से पारंपरिक डिज़ाइनों का निर्माण किया गया, जो पुष्कर मेले की पारंपरिक खूबसूरती को और भी निखारता है।
मेले की शुरुआत में ही विदेशी पर्यटक इस प्रतियोगिता का हिस्सा बनकर खासे रोमांचित दिखे। एक विदेशी प्रतिभागी ने बताया, “हम भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा अनुभव करना चाहते थे, और इस प्रतियोगिता में भाग लेना हमारे लिए बेहद खास है। मांडना कला का अनुभव करना नया था और हमें यह बहुत ही दिलचस्प लगा।” पुष्कर मेले में न केवल विदेशी कलाकार बल्कि स्थानीय महिलाएं भी पारंपरिक परिधानों में अपनी कलात्मकता का प्रदर्शन कर रही थीं।
इस मेले में आयोजित होने वाली मांडना प्रतियोगिता के अलावा, अन्य आकर्षणों में ऊंट दौड़, पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रदर्शन, सबसे लंबी मूंछ प्रतियोगिता और पारंपरिक दुल्हन प्रतियोगिता शामिल हैं। यहां आने वाले पर्यटक इन विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए स्थानीय संस्कृति और रिवाजों का अनुभव कर सकते हैं। इसके अलावा मेले में ऊंटों की नीलामी, हस्तशिल्प बाजार और रंग-बिरंगी आतिशबाजी भी दर्शकों को लुभाती है।
पुष्कर का मेला हर साल थार रेगिस्तान की सुनहरी रेत पर आयोजित होता है और यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह की पूर्णिमा के अवसर पर होता है। यहां आने वाले हज़ारों श्रद्धालु पवित्र पुष्कर सरोवर में स्नान करने के लिए आते हैं। मेले के दौरान, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जो राजस्थान की गहरी सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है।
पुष्कर मेला न केवल राजस्थान बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर स्थापित करता है। स्थानीय और विदेशी प्रतिभागियों का मांडना कला में भाग लेना और राजस्थानी संस्कृति में रुचि दिखाना न केवल एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रतीक है, बल्कि भारत की कला और परंपराओं को सम्मान देने का भी प्रयास है।