बिना ड्राइवर वाली बसें: ड्राइवर की कमी से जूझ रही दुनिया के लिए एक नया समाधान


के कुमार आहूजा  2024-11-11 22:09:23



 

दुनिया भर में ड्राइवरों की कमी एक बढ़ती चुनौती बन गई है, जिससे न केवल परिवहन सेवाओं में बाधाएं आ रही हैं, बल्कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। ऐसे में, स्वचालित यानी बिना ड्राइवर वाली बसें एक संभावित समाधान के रूप में उभर रही हैं, जो न केवल ड्राइवर की कमी को दूर करने में मददगार हो सकती हैं, बल्कि नई तकनीकी उन्नति के रूप में भी देखी जा रही हैं।

विस्तृत रिपोर्ट:

दुनिया भर में विशेषकर यूरोप और अमेरिका जैसे कई प्रमुख देशों में परिवहन उद्योग को ड्राइवर की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ड्राइवरों की बढ़ती कमी से यात्रियों और सामानों की आवाजाही में देरी, लागत में वृद्धि और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है। 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप में बस और कोच उद्योग में ड्राइवरों की कमी बढ़कर 10% हो गई है, और अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह आंकड़ा 2026 तक तीन गुना बढ़ सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कमी का मुख्य कारण बुजुर्ग ड्राइवरों का सेवानिवृत्त होना है, जबकि युवाओं में इस पेशे के प्रति कम आकर्षण देखा जा रहा है।

ड्राइवर की कमी के कारण और प्रभाव:

कोविड-19 महामारी के बाद से ही परिवहन क्षेत्र में बदलाव आया है। ड्राइवरों की आयु में वृद्धि, नई पीढ़ी का इस पेशे के प्रति उदासीन होना और कड़े कामकाजी माहौल जैसी चुनौतियों ने इसे और गंभीर बना दिया है। अकेले यूरोप में ही 2026 तक दो मिलियन ड्राइवरों की कमी का अनुमान है। (IRU.org) इससे यात्री सेवाओं में देरी, पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सेवाओं की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

स्वचालित बसें: समाधान की ओर कदम?

ड्राइवर की कमी के इस संकट के बीच कई देशों ने स्वचालित बसों (ड्राइवरलेस बसें) का परीक्षण शुरू कर दिया है। स्वीडन, सिंगापुर और अमेरिका जैसे देश सार्वजनिक परिवहन के लिए स्वचालित वाहनों का उपयोग कर रहे हैं, ताकि ड्राइवर की आवश्यकता को कम किया जा सके। ड्राइवरलेस बसें अपने आप सुरक्षित रूप से चलने के लिए सेंसर्स, कैमरे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करती हैं, जो यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक, सुलभ और टिकाऊ विकल्प प्रदान करता है।

तकनीकी चुनौतियाँ और भविष्य:

स्वचालित बसों के सामने भी कई तकनीकी और सामाजिक चुनौतियाँ हैं। इन वाहनों के लिए लगातार बदलते यातायात नियमों, तकनीकी सुरक्षा और विश्वसनीयता जैसे पहलुओं को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। हालांकि तकनीकी समस्याओं के बावजूद, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि ड्राइवरलेस वाहन परिवहन के भविष्य का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकते हैं, खासकर जब ड्राइवर की कमी के समाधान के लिए अन्य विकल्प सीमित हैं।

दुनिया भर में ड्राइवर की कमी से निपटने के लिए स्वचालित बसें एक प्रभावी और दूरगामी समाधान बन सकती हैं। हालांकि इसे पूरी तरह से लागू करने में समय लगेगा, लेकिन इससे परिवहन के क्षेत्र में नए मानक स्थापित हो सकते हैं। जब तक वैश्विक स्तर पर ड्राइवरों की कमी को हल करने के अन्य उपाय नहीं मिलते, तब तक स्वचालित बसें ही परिवहन उद्योग की स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

प्राप्त तथ्यों और विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि ड्राइवर की कमी का संकट वैश्विक स्तर पर परिवहन उद्योग के लिए एक गंभीर चुनौती है, और इसके समाधान के लिए स्वचालित बसों जैसे नवीन विकल्पों का अध्ययन और परीक्षण आवश्यक हो गया है।


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