महाराष्ट्र में NCP विधायक के बेटे का अपहरण और फिरौती की मांग – जानिए क्या है पूरा मामला


  2024-11-11 21:30:48



 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से ठीक पहले राज्य की राजनीति में हलचल मचाने वाली घटना सामने आई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक अशोक पवार के बेटे रुशिराज पवार ने आरोप लगाया है कि उनका अपहरण कर उनसे 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच तेजी से चल रही है।

घटना का विवरण: 

पुणे जिले की शिरुर विधानसभा सीट से विधायक अशोक पवार के बेटे रुशिराज पवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि कुछ लोगों ने उन्हें मिलने के बहाने बुलाया था, यह कहकर कि वे NCP में शामिल होना चाहते हैं। आरोप है कि रुशिराज को एक सुनसान जगह ले जाया गया, जहां उनसे जबरन एक आपत्तिजनक वीडियो बनवाने की कोशिश की गई और फिर उसे वायरल न करने के बदले 10 करोड़ रुपये की मांग की गई।

रुशिराज का बयान और बचाव की योजना: 

रुशिराज पवार के अनुसार, उन्होंने आरोपियों से खुद को छुड़ाने के लिए पैसे जुटाने का झांसा दिया और मौका मिलते ही वहां से फरार हो गए। इसके बाद उन्होंने सीधे पुलिस से संपर्क किया और मामले की शिकायत दर्ज कराई। इस घटना से राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है, खासकर क्योंकि चुनाव नजदीक हैं और हर घटना का राजनीतिक असर पड़ सकता है।

पुलिस कार्रवाई: 

शिरुर पुलिस ने रुशिराज की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया और तुरंत जांच शुरू की। पुणे के पुलिस अधीक्षक (SP) पंकज देशमुख ने जानकारी दी कि शिकायत के आधार पर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस अब घटना से जुड़े सभी पहलुओं पर गौर कर रही है, ताकि सही और सटीक निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।

राजनीतिक माहौल पर असर: 

यह घटना उस समय सामने आई है जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से हो रही है। विपक्षी पार्टियों ने भी इस मामले को लेकर सवाल उठाए हैं, जिससे यह मामला राज्य की राजनीति का चर्चित मुद्दा बन गया है। विधायक अशोक पवार की इस मामले में प्रतिक्रिया अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है, परंतु NCP के कार्यकर्ता और समर्थक इस मामले को लेकर चिंतित हैं।

सामाजिक प्रभाव और सुरक्षा का सवाल: 

महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में अपहरण और फिरौती जैसी घटनाएं लोगों के मन में डर का माहौल बनाती हैं। यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है। विशेष रूप से जब पीड़ित किसी राजनीतिक परिवार से हो, तो ऐसे मामलों पर आम जनता का विश्वास पुलिस पर निर्भर करता है कि वे जल्दी और निष्पक्ष जांच करें।

इस मामले के राजनीतिक और सामाजिक पहलुओं पर महाराष्ट्र की जनता की निगाहें टिकी हैं, और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह घटना आने वाले दिनों में चुनावों पर क्या असर डालती है, यह देखना बाकी है।


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